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दिल के एक साथ चार ऑपरेशन कर बचाई मरीज की जान

घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

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कोटा

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Rajesh Tripathi

Feb 06, 2020

दिल के एक साथ चार ऑपरेशन कर बचाई मरीज की जान

दिल के एक साथ चार ऑपरेशन कर बचाई मरीज की जान

कोटा. शहर के भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में (कार्डियक सर्जरी विभाग) डॉक्टरों ने मरीज के दिल के एकसाथ चार तरह के ऑपरेशन कर एक बड़ी और हैरान कर देने वाली उपलब्धि हासिल की है। कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि बूंदी निवासी तेईस वर्षीय युवक शिवराज बचपन से ही ह्रदय की जन्मजात बीमारी ट्रेट्रोलॉजी ऑफ फैलॉट बीमारी से ग्रसित था, जिसकी वजह से उसका पूरा शरीर नीला पड़ा हुआ था और उसे सांस लेने में भी तकलीफ थी। परिजनों द्वारा इस बीमारी का इलाज बचपन में नहीं कराने से शरीर की एक महाधमनी सिकुड़ गई थी और दूसरी महाधमनी फूलकर काफी बड़ी हो गई थी, जिसके कारण वॉल भी लीकेज हो चुका था। इससे मरीज की जान को खतरा पैदा हो गया था। परिजनों की काउंसलिंग और सहमति के बाद 3 फरवरी को टॉफ और बेनटाल सर्जरी की गई। जिसमें मरीज के दिल के 3 सेमी के छेद को बंद किया, सिकुड़ी हुई महाधमनी को चौड़ा किया, वॉल को बदला और फूली हुई महाधमनी को हटाकर नई महाधमनी लगाई। घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

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बचपन में ही जरूरी था इलाज
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को यह जन्मजात बीमारी थी, शरीर में दो महाधमनियां होती है, एक पूरे शरीर को और दूसरी दोनों फेफड़ों को ब्लड सप्लाई करती है। इस केस में एक महाधमनी सिकुड़ी हुई थी, जिससे शरीर और हार्ट में ब्लड सप्लाई का फ्लो एक ही महाधमनी पर पड़ रहा था, जिससे शरीर बढऩे के साथ ही सूजन बढती जा रही थी। जिससे उसके फटने का भी खतरा पैदा हो रहा था। उन्होंने बताया कि ऐसे केस में बपचन में ही ऑपरेशन होना जरूरी है, वरना महाधमनी फटने से जान पर बन सकती है।

भाविप की उपलब्धि प्रदेश के लिए गौरव की बात
भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के संरक्षक श्याम शर्मा, अध्यक्ष अरविन्द गोयल, सचिव ओमप्रकाश विजय, कोषाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा एवं उनकी पूरी टीम को इस जटिल ऑपरेशन के लिए बधाई देते हुए कहा कि भारत विकास परिषद चिकित्सालय में हुए इस अतिदुर्लभ ऑपरेशन ने कोटा ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि तमाम जानकारी करने के बाद भी इस तरह की सर्जरी का देशभर में कहीं भी होना नहीं पाया गया। जो कि इस संस्थान के डॉक्टरों की बड़ी उपलब्धि है। यह ऑपरेशन भामाशाह के तहत निशुल्क किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुभवी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं, उससे पूरे हाड़ौती संभाग व अन्य जिलों के मरीजों को मैट्रो सिटी जैसा इलाज कोटा में ही उचित दर पर मुहैया हो रहा है। यह भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के लिए भी गौरव की बात है।