
मरीजों की जांच करती महिला चिकित्सक
सेवारत चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने के बाद जहां एक ओर चिकित्सा व्यवस्थाएं वेंटीलेटर पर आ गई, वहीं दूसरी तरफ एेसे चिकित्सक भी हैं, जो मानव सेवा को देखते हुए हड़ताल पर नहीं गए। उनका कहना है कि वे संगठन के साथ हैं, लेकिन मानव सेवा उनकी पहली प्राथमिकता है। अभी मरीजों को देखने वाले नहीं हैं, इसलिए सेवाएं दे रहे हैं। कोटा जिले में ऐसे 7 चिकित्सक हैं, जो शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सालयों में पूरे समय सेवाएं दे रहे हैं। वे हमेशा की तरह हड़ताल में भी मरीजों को उपचार व परामर्श दे रहे हैं।
पूरे समय दे रही हूं सेवाएं
राजस्थान तकनीकी विवि स्थित डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉ. हेमलता विजय ने बताया कि वे पूरी तरह संगठन के साथ हैं, लेकिन नियमानुसार आरटीयू के अधीन डिस्पेंसरी में जिला कलक्टर के आदेश पर ही अवकाश लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता मरीजों का उपचार करना है। ऐसे में वे पूरे समय यहां सेवाएं दे रही हैं।
मरीजों को परेशानी नहीं होने दी
शॉपिंग सेंटर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत डॉ. प्रिया मिश्रा हड़ताल के बाद भी मरीजों का इलाज कर रही हैं। जब उनसे संगठन के साथ नहीं होने व मरीजों का इलाज करने के बारे में बात की तो उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। वे डिस्पेंसरी में आने वाले मरीजों को देखती रही। उन्होंने कहा कि मानव सेवा को देखते हुए सेवा दे रही हूं।
जज्बे को सलाम
चिकित्सकों के इस जज्बे को वहां मौजूद मरीज भी सलाम करते दिखाई दिए। मरीजों का कहना है कि शहर बीमारियों के मामले में बेहद नाजुक दाैर से गुजर रहा है। चिकित्सकों की हड़ताल ने परेशानी और बढ़ा दी थी। ऐसे में कुछ चिकित्सकों ने मनाव सेवा को अपना दायित्व समझा अौर अपने काम काे प्राथमिकता दी। हमारी समस्या को समझा और तकलीफ से निजाद दिलाई।
Published on:
08 Nov 2017 12:39 pm
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