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कोटा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एम्बुलेंस चालक कोरोना पॉजिटिव

लापरवाही: नमूने लेने के बावजूद नहीं कर रहे आइसोलेटपॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद कर रहे आइसाइलेट

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कोटा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एम्बुलेंस चालक कोरोना पॉजिटिव

कोटा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एम्बुलेंस चालक कोरोना पॉजिटिव

कोटा. कोटा में कोरोना का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है। पिछले दस दिन से लगातार स्क्रीनिंग व सर्वे का काम कर रही एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एक निजी अस्पताल एम्बुलेंस चालक स्क्रीनिंग में पॉजिटिव पाया गया। आशा के कोरोना संक्रमित होने की सूचना पर अन्य आशाएं दहशत में आ गई और काम छोड़कर सीधे किशोरपुरा थाने पहुंच गई। इसमें विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जब कोरोना संक्रमण फैलने की पड़ताल की तो यह सामने आया कि सैम्पल के बावजूद संदिग्धों को आइसोलेट नहीं किया गया। उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद उन्हें आइसाइलेट किया जा रहा है। इस बीच के समय में वह संक्रमण फैला रहा है। इससे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

प्रशासन को इस ओर सख्त कदम उठाना होगा। भीमगंजमंडी से शुरू हुआ ये संक्रमण पहले तो 5 किलो मीटर दूर मकबरा पहुंचा, फि र मकबरा से आगे बढ़ता हुआ चन्द्रघटा जा पहुंचा। इस वायरस ने दस दिन के सफ र में 84 जनों को संक्रमित किया।


ऐसे समझे चूक...
पहला पॉजिटिव 6 अप्रेल को आया था। शाम होते होते 9 और जने कोरोना संक्रमित पाए गए। प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने मिलकर एक्शन प्लान तैयार किया। घर-घर स्क्रीनिंग शुरू करवाई, लेकिन चिकित्सा विभाग व मेडिकल कॉलेज प्रशासन के बीच तालमेल की कमी नजर आई। कोरोना से जंग में पहले मोर्चे पर बिना संसाधनों के चिकित्सा अधिकारी, पीएचएम, एएनएम, एलएचवी, नर्सिंग ट्यूटर, नर्सिंग स्टूडेंट, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को मैदान में उतार दिया।

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संदिग्ध को घर में छोड़ा
स्क्रीनिंग में संदिग्ध आने वाले व्यक्ति को समय पर क्वारंटाइन नहीं किया गया। सूत्रों की माने तो चिकित्सा महकमा सेम्पल लेने के बाद रोगी के पॉजीटिव रिपोर्ट आने का इंतजार करते। रिपोर्ट आने के 24 से 48 घण्टे के समय मे संदिग्ध व्यक्ति परिवार के सदस्य सहित अन्य को संक्रमित करता रहा। आशा सहयोगिनी के पॉजीटिव आने के मामले में यह चूक नजर आई। आशा कार्यकर्ता पिछले दो दिन से स्क्रीनिंग व सर्वे के काम में लगी थी। एक दिन पहले ही संदिग्ध मानते हुए उसका सेम्पल लिया गया था, लेकिन उसे क्वारंटाइन नहीं किया गया। इस बीच वो अपनी सहयोगी 40 आशाओं के साथ फ ील्ड में काम करती रही। रिपोर्ट आने पर उसे क्वारंटाइन के लिए लाया गया।

इनका यह कहना
चन्द्रघटा निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किसी पॉजीटिव मरीज के सम्पर्क में आई है। आरआरटी टीम ने उसके सेम्पल लिए थे तो उसे क्वारंटाइन किया था, लेकिन उसने सीडीपीओ व चिकित्सा विभाग को सूचित नहीं किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंदर से बाहर क्यों आई। उसने नियम तोड़ा है। उसकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व डिप्टी डॉयरेक्टर को नोटिस जारी किया है। आरआरटी टीम की संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नहीं आती है। पॉजीटिव रिपोर्ट मेरे पास आती है। उसके बाद हम मरीजों को आइसोलेट करते है।

डॉ. बीएस तंवर, सीएमएचओ