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एसीबी ने आरएएस अधिकारी कृष्णा शुक्ला समेत तीन के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने नगर विकास न्यास के एक निरस्त भूखण्ड की बहाली के लिए नियमों के विपरीत प्रक्रिया अपनाने तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य आरोपों में आरएएस अधिकारी तथा न्यास की तत्कालीन उप सचिव कृष्णा शुक्ला समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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कोटा

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Deepak Sharma

Jan 01, 2021

एसीबी ने आरएएस अधिकारी कृष्णा शुक्ला समेत तीन के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

एसीबी ने आरएएस अधिकारी कृष्णा शुक्ला समेत तीन के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने नगर विकास न्यास के एक निरस्त भूखण्ड की बहाली के लिए नियमों के विपरीत प्रक्रिया अपनाने तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य आरोपों में आरएएस अधिकारी तथा न्यास की तत्कालीन उप सचिव कृष्णा शुक्ला समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि आरोग्य नगर में भूखण्ड संख्या 137 का 1996 में पुष्पेन्द्र कुमार नागर के नाम से आवंटित हुआ था। भूखण्ड की राशि दो लाख 28 हजार 217 रुपए 50 पैसे की राशि जमा करवानी थी, लेकिन आवंटी ने राशि जमा नहीं करवाई। इस कारण भूखण्ड का आवंटन निरस्त हो गया था। न्यास ने जब इस भूखण्ड की नीलामी प्रक्रिया शुरू की तो आवंटी ने मानसिक स्थिति खराब होने के कारण समय पर पैसा नहीं जमा नहीं कराने का कारण बताते हुए भूखण्ड बहाली के लिए आवेदन किया। चूंकि भूखण्ड को निरस्त करने की समय अधिक हो गई थी। इस कारण न्यास ने नगरीय विकास विभाग जयपुर को पत्र लिखा गया।
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ऐसे खेल शुरू हुआ
एएसपी ने बताया कि यूडीएच को पत्र लिखवाने के लिए आवंटी ने संबंधित तत्कालीन उप सचिव दीप्ति मीणा के पास फाइल नहीं ले जाकर दूसरे उप सचिव कृष्णा शुक्ला से मिलीभगत करके पत्र लिखवा दिया। इस संबंध में एसीबी की जांच में पाया कि नगरीय विकास विभाग द्वितीय के संयुक्त शासन सचिव अर्जुन चौधरी की ओर से हस्ताक्षरित पत्र फर्जी रूप से तैयार किया गया था। इसके बाद नोटशीट चलाई गई।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

निरस्त भूखण्ड के आवंटन का कार्य अपने क्षेत्राधिकार में नहीं होने पर भी पत्रावली रिपोर्ट का प्रक्रिया अनुसार प्रत्येक रजिस्टर में इन्द्राज करते हुए, पत्रावली की नोटशीट, पत्रों आदि पर हस्ताक्षर कर, डिस्पेच करवाकर रवाना करना तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने तथा उनको न्यास की कार्य प्रणाली में शामिल कर लाभार्थी पुष्पेन्द्र कुमार को फायदा पहुंचाने की नीयत से तत्कालीन उप सचिव कृष्णा शुक्ला, लिपिक ग्रेड प्रथम चन्द्रप्रकाश चतुर्वेदी तथा लाभार्थी पुष्पेन्द्र कुमार नागर की मिलीभगत रही है। इस पर तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन एक्ट 2018 व धारा 420,467,468 आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। शुक्ला वर्तमान में कोटा में महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक के पद पर कार्यरत है। जबकि लिपिक चतुर्वेदी सेवानिवृत्त हो गया है।