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कोटा के अग्रवाल समाज ने जरूरतमंदों की मदद के लिए खोला अग्र अंश कोष

कोटा के अग्रवाल समाज ने जरूरतमंदों की मदद के लिए अग्र अंश कोष की स्थापना की है। 

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क्या एक छोटी सी गुल्लक गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और बीमारियों जैसे तमाम दुख दर्दों को भी मिटा सकती है? कोटा के अग्रवाल सेवा संस्था के पदाधिकारियों की जुबानी इस सवाल का जवाब सुनकर आप चौंके बिना नहीं रहेंगे। हर रोज महज एक रुपया और सुपर मैन वाली ये गुल्लक सिर्फ एक समाज को ही नहीं पूरे देश का दुख दर्द मिटा सकती है। जरा सोचकर देखिए यदि ऐसा हो तो साल भर में कितनी बड़ी राशि इकट्ठा की जा सकती है? कोटा में अग्रवाल समाज सेवा संस्था के 900 सदस्य अपने परिजनों की मदद से 'सुपरमैन वाली' इस गुल्लक में हर साल 13 लाख रुपए इकट्ठा करेंगे।

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21 को स्थापित होगा 'अग्र अंश कोष'

21 सितंबर का दिन अग्रवाल समाज के लिए बेहद खास होगा। सिर्फ इसलिए नहीं कि यह समाज मार्गदर्शक महाराज अग्रसेन की जयंती मनाएगा, बल्कि इसलिए कि समाज के वंचितों की मदद के लिए अनुपम योजना की नींव रखेगा। महाराज अग्रसेन के बताए रास्ते पर चलते हुए कोटा अग्रवाल समाज के लोग इस दिन 'अग्र अंश कोष' की स्थापना करेंगे। इस कोष में जितना पैसा जमा होगा उसे गरीब, असहाय और जरूरतमंदों की मदद में लगाया जाएगा।

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सिर्फ एक रुपए रोज का होगा अंशदान

किसी एक व्यक्ति पर बोझ भी ना पड़े और जरूरतमंदों की बड़ी से बड़ी मदद की जा सके, इसके लिए कोटा के अग्रवाल समाज सेवा संस्था ने बेहद अनूठा रास्ता खोज निकाला है। संस्था के कोटा में 900 सदस्य हैं। सभी सदस्यों को एक-एक गुल्लक दिया जाएगा। इस गुल्लक में परिवार का हर सदस्य प्रतिदिन सिर्फ एक-एक रुपया डालेगा। हर महीने इस गुल्लक में जितना पैसा जमा होगा उसे इकट्ठा करने के लिए क्षेत्र की कमेटी के पदाधिकारी सदस्यों के घर जाएंगे। परिवार के सामने गुल्लक से पैसा निकाला जाएगा और उसकी बकायदा रसीद भी दी जाएगी। जिस पर परिवार के मुखिया के हस्ताक्षर करवाए जाएंगे।

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वर्षभर इकट्ठा हो जाएंगे 13 लाख रुपए

हो सकता है लोग इसे मजाक समझें कि एक रुपए से भला किसी की क्या मदद हो सकती है, लेकिन जरा सोचकर देखिए कि महज एक रुपया रोज गुल्लक में डालने से किसी को शायद ही कोई परेशानी हो, लेकिन जब यह पैसा एक जगह इकट्ठा होगा और साल भर बाद जब इसकी गितनी होगी तो कितने रुपए होंगे? जनाब, पूरे 13 लाख रुपए। संस्था के पदाधिकारियों का सीधा सा गणित है कि एक परिवार में कम से कम ४ सदस्य भी माने तो प्रतिदिन 900 गुल्लकों में कम से कम 3600 रुपए डाले जाएंगे। इस तरह से हर महीने 1.8 लाख और हर साल करीब 13 लाख रुपए अग्र अंश कोष में जमा हो जाएंगे। कोष को बढ़ाने के साथ ही यह राशि करोड़ों में हो जाएगी। इस पैसे को जमा कराने के लिए बैंक में बकायदा खाता खुलवाया जाएगा और सारा हिसाब सार्वजनिक रहेगा।

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इस तरह होगी मदद

संस्था के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल व महामंत्री सुरेश अग्रवाल कहते हैं कि सरकार भी किस-किस की मदद करेगी इसलिए मानवता के उत्थान के लिए समाज को आगे आना ही होगा। कोष में जमा राशि के 50 फीसदी भाग को अग्रवाल समाज के लोगों के लिए व्यापार को बढ़ाने, 25 फीसदी राशि को शिक्षा व शेष राशि को जरूरतमंदों के इलाज के लिए ऋण के रूप में संस्था के मापदंडों के आधार पर बिना ब्याज के दिया जाएगा। इस ऋण को समाज के बंधु अपनी सुविधा के अनुसार लौटा सकेंगे। मदद देने के लिए कोटा को 12 भागों में बांटकर हर क्षेत्र में चार-चार लोगों की कमेटी बनाएंगे। यह कमेटी पूरी छानबीन के बाद संस्था की 21 सदस्यीय कमेटी से जरूरतमंद की सिफारिश करेगी। जरूरतमंद की जरूरत को देखते हुए ऋण दिया जाएगा।

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यह था सिद्धांत महाराजा अग्रसेन का

अग्रोहा धाम में जो भी आता था, उसे वहां के लोग एक ईंट व एक रूपया देते थे। इस तरह से एकत्रित रूपयों से व्यक्ति व्यापार करता था और एक-एक ईंट जोड़कर मकान भी बना लेता था। अर्थात सभी व्यक्ति मिलकर कमजोर की थोड़ी-थोड़ी मदद करें तो समाज में समानता का भाव आ सकता है। इस उद्देश्य को लेकर संस्था योजना शुरू कर रही है। 23 सितम्बर को आयोजित कार्यक्रम में योजना की शुरुआत की जाएगी।