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अपेक्षा ग्रुप का मामला : न्यायालय में सही तथ्य पेश होते तो फरार न हो पाते लाखों के घोटाले के मास्टरमाइंड आरोपी

गुमानपुरा सीआई व एएसआई पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप

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अपेक्षा ग्रुप का मामला : न्यायालय में सही तथ्य पेश होते तो फरार न हो पाते लाखों के घोटाले के मास्टरमाइंड आरोपी

अपेक्षा ग्रुप का मामला : न्यायालय में सही तथ्य पेश होते तो फरार न हो पाते लाखों के घोटाले के मास्टरमाइंड आरोपी

कोटा. अपेक्षा इन्वेस्टमेंट में 2000 हजार से ज्यादा लोगों से लगभग 1 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मास्टर माइंड दो आरोपी गुमानपुरा थाने के सीआई व एएसआई की ष्मेहरबानीष् से फरार हो गए। ये दोनों पुलिसकर्मी इनके पास आए परिवादों की जांच करते और न्यायालय में सही तथ्य पेश करते तो आरोपियों को न्यायालय से जमानत नहीं मिलती।

जानकारी के अनुसार, लाखों के घोटाले के मास्टरमांइड संजय कश्यप और हरिमोहन सुमन के खिलाफ निवेशकों के रुपए हड़पने के मामले में गुमानपुरा थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने 17 जनवरी को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया तथा 19 जनवरी को पुलिस रिमाण्ड पर लिया। इसके बाद आरोपियों ने गुमानपुरा थाना पुलिस से सांठ गांठ कर ली।
आरोप है कि गुमानपुरा थानाधिकारी लखन लाल मीणा पुलिस कस्टडी में ही दोनों आरोपियों को जमीनों की रजिस्ट्री कराने के लिए उप पंजीयक कार्यालय लेकर गए और 5 रजिस्ट्री करवा दी। आरोपियों को रजिस्ट्री कराने ले जाने की बात पुलिस रिकार्ड में नहीं है। वहीं एसपी ऑफिस से इस मामले में 22 परिवाद थाने भेजे गए। थानाधिकारी ने परिवाद एएसआई रेहाना अब्बास को दे दिएए लेकिन उन्होंने महीनों तक जांच नहीं की। इसी बीच रिमाण्ड पूरा होने पर आरोपी संजय कश्यप और हरिमोहन को न्यायालय में पेश कियाए जहां से दोनों को जेल भेज दिया। सीआई व एएआई ने कोर्ट में पेश की पत्रावली में तथ्य पेश नहीं किए। परिवादों का जिक्र नहीं किया। तथ्यों के अभाव में न्यायालय ने दोनों आरोपियों को जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद दोनों मास्टर माइंड संजय कश्यप और हरिमोहन सुमन फरार हो गए। दोनों आरोपी वांटेड हैं।