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बारां मिनी सचिवालय में चमगादड़ों का बसेरा

-गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया के गृह जिले में सरकारी दफ्तरों दुर्दशा, मिनी सचिवालय में चमगादड़ों का बसेरा-भूमिगत भवन में भरा है पानी, कई जगह से जर्जर है भवन

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बारां मिनी सचिवालय में चमगादड़ों  का बसेरा

बारां मिनी सचिवालय में चमगादड़ों का बसेरा

जग्गोसिंह धाकड़
बारां.
जिलेभर की सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभाने वाले और स्वच्छता मिशन संचालित करने वाले विभाग का दफ्तर खुद ही बदहाल है। बारां जिले का जिला परिषद भवन बीमारी का घर बना हुआ है। इसके भूमिगत तल में पानी भरा हुआ है और सैकड़ों चमगादड़ों का बसेरा है। यहां पर जगह-जगह गंदगी का अंबार है। कहीं कबाड़ पड़ा है तो कहीं रख रखाव के अभाव में भवन जर्जर होता दिख रहा है।

पत्रिका संवाददाता ने इस भवन के हालात का जायजा लिया तो घोर अव्यवस्थाएं दिखी। जिला परिषद भवन के मुख्य द्वार से ही अव्यवस्थाओं का आलम शुरू हो जाता है। मुख्य द्वार पर ई मित्र प्लस मशीन लगी है, जो करीब तीन साल से धूल खा रही है। इसी तरह की मशीन कलक्ट्री के मुख्यद्वार पर चालू हालत में है, लेकिन उस पर धूल जमी मिली। ये मशीनें इसलिए लगाई गई कि लोगों को सहजता से सुविधा मिल सकें, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता लोगों की सुविधा पर ग्रहण बनी हुई है।

मिनी सचिवालय के विस्तार भवन यानी जिला परिषद भवन का लोकार्पण 15 दिसम्बर 13 को हुआ था। यहां शिलान्यास पट्टिका पर तत्कालीन अंता विधायक प्रमोद जैन भाया, विधायक पानाचंद मेघवाल, निर्मला सहरिया, करण सिंह राठौड़ का नाम लिखा हुआ है। इनमें से तीन जनप्रतिनिधि अभी भी विधायक हैं और प्रमोद जैन भाया मंत्री हैं, लेकिन कभी किसी ने सुधार की पहल नहीं की। इन विधायकों की निधि की योजनाओं का क्रियान्वयन भी इसी भवन से होता है। यहां स्वच्छता मिशन नाम का दफ्तर भी संचालित है।

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कलक्ट्रेट का भवन भी जर्जर और गंदा

बारां जिला कलक्ट्रेट भवन भी कई जगह जर्जर है और कई जगह गंदगी है। पानी पीने के नल के आसपास की गंदगी है। कई गलियारे ऐसे हैं, जहां दिन में ही अंधेरा रहता है। कई जगह बदबू आती है। कई जगह ऐसा लगता कि भवन कंडम हो गया है।

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गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया से सीधी बातचीत

सवाल: आपके जिला मुख्यालय पर जिला परिषद भवन में पानी भरा है और चमगादड़ों का बसेरा है, ऐसी हालत क्यों है।
जवाब: बारां कटोरानुमा बसा हुआ है, इसलिए यहां बाढ़ भी जल्द आती है और भूमिगत निर्माण सफल नहीं है, सरकारी हो या निजी सभी ऐसे सभी भवनों में पानी भर जाता है।

सवाल: कलक्ट्रेट भवन भी कई जगह जर्जर है, जिला परिषद की ई मित्र प्लस मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है?
जवाब: इस बारे में अधिकारियों से बात करेंगे और समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। मुझे जैसी जानकारी है उसके अनुसार बारिश में मिट्टी टाइट रहती है और गर्मी में जगह छोड़ती है इसलिए भवनों में दरार आ जाती है। ई मित्र प्लस का उपयोग क्यों नहीं हो रहा है यह भी पता करेंगे।

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जिला परिषद का भवन तो बहुत अच्छा है, लेकिन भूमिगत तल में सीपेज का पानी आता है। इस बारे में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया है। यह तकनीकी दिक्कत है, इंजीनियर इसका समाधान निकालेंगे।
-बी.एम. बैरवा, सीईओ, जिला परिषद, बारा