
नतीजों ने भाजपा के लिए बजाई खतरें की घंटी
रावतभाटा .विधानसभा चुनाव 2018 के परिणामों ने चित्तौडगढ़़ संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। देश में कुछ माह बाद ही लोकसभा चुनाव होना प्रस्तावित हैं। पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में चित्तौडगढ़़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सीपी जोशी ने जिन विधानसभा क्षेत्रों से 3 लाख 16 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की। वहां अभी हाल ही आए विधानसभा चुनाव नतीजों में जीत का अंतर सिमटकर मात्र 32 हजार 700 रह गया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा की नींद उड़ा दी है और अब उसके सामने लोकसभा सीट बचाने की चुनौती आ गई है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के नतीजों का नुकसान लोकसभा चुनाव में न हो जाए। इसके लिए अभी भाजपा ने कवायद शुरू कर दी है।
8 से सिमट कर 4 सीटों पर रह गई जीत
गत लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सीपी जोशी ने चित्तौडगढ़़ संसदीय क्षेत्र के सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों से जीत दर्ज की थी। इनमें सर्वाधिक 56 हजार 96 0 मतों से जीत प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र से हुई थी तो सबसे कम अंतर वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में रहा। जहां 13 हजार 971 मतों की बढ़त मिल पाई।
बदल गया सीटों का परिदृश्य
विधानसभा चुनाव परिणाम ने सीटों का परिदृश्य भी बदल दिया है। पिछले संसदीय चुनाव के समय चित्तौडगढ़़ लोकसभा क्षेत्र की 8 में से केवल वल्लभनगर सीट को छोड़कर शेष सभी सात सीटों पर भाजपा का कब्जा था। विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद अब 8 में से 4 विधानसभा क्षेत्र बेगूं, निम्बाहेड़ा,, प्रतापगढ़, वल्लभनगर में कांग्रेस का कब्जा हो गया है। भाजपा के अब मात्र 4 विधानसभा क्षेत्र चित्तौडगढ़़, बड़ीसादड़ी, कपासन, मावली ही रह गए है।
किस विधानसभा में कितना रहा भाजपा की जीत का अंतर
विधानसभा क्षेत्र ----लोकसभा चुनाव 2014 ----विधानसभा चुनाव 2018
बेगूं ----46 946 ----16 6 1 (हार)
निम्बाहेड़ा ---36 140 ----11908 (हार)
वल्लभनगर 13971 ----3719 (हार)
प्रतापगढ़ 56 96 0 ----16 6 8 0 (हार)
कपासन 318 07---- 7002 (जीत
बड़ीसादड़ी 36 172 ----8 8 10 (जीत)
चित्तौडगढ़़ 53924---- 238 94 (जीत)
मावली 39544 ---26 978 (जीत)
Published on:
18 Dec 2018 11:57 pm
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