
पुलिस मुख्यालय और इनसेट में कुन्हाड़ी थानाधिकारी मांगेलाल और नांता थानाधिकारी चेतन शर्मा (फोटो: पत्रिका)
Operation Decoy In Kota: पुलिस की कार्यप्रणाली परखने और बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सख्त कार्रवाई की है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार शर्मा के कोटा दौरे से पहले ही पुलिस मुख्यालय की सतर्कता शाखा ने कोटा रेंज में डिकॉय ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन में गंभीर लापरवाही सामने आने पर कुन्हाड़ी और नांता थाना थानाधिकारियों को लाइन हाजिर करने के निर्देश जारी किए हैं।
डीजीपी के आदेशानुसार जिलों में पुलिस थानों की कार्यप्रणाली की जांच और सुधार के उद्देश्य से सतर्कता शाखा की टीमें गठित कर डिकॉय ऑपरेशन करवाया गया। इसी क्रम में 18 और 19 दिसंबर को कोटा शहर में भी विजिलेंस टीम ने औचक जांच की। जांच के दौरान बजरी के अवैध परिवहन से जुड़े मामलों में कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही पाई गई।
डिकॉय ऑपरेशन के दौरान यह सामने आया कि संबंधित थानों की पुलिस अवैध बजरी परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रही। इस पर पुलिस मुख्यालय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कुन्हाड़ी थानाधिकारी मांगेलाल और नांता थानाधिकारी चेतन शर्मा को लाइन हाजिर करने के निर्देश दिए। साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
डीजीपी राजीव कुमार शर्मा की इस कार्रवाई से स्पष्ट किया कि बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण में किसी भी स्तर पर पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि डिकॉय ऑपरेशन का उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं, बल्कि पुलिस व्यवस्था को पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी बनाना है। यदि जांच में पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार कोटा में की गई यह कार्रवाई भविष्य के लिए एक संदेश है कि अवैध गतिविधियों पर आंख मूंदने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सतर्कता शाखा द्वारा आगे भी इसी तरह के औचक निरीक्षण और डिकॉय ऑपरेशन जारी रहेंगे, ताकि कानून व्यवस्था मजबूत हो और आमजन का पुलिस पर विश्वास बना रहे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार डीजीपी के निर्देश पर गत माह कोटा रेंज में डिकॉय ऑपरेशन करवाया गया था। इस दौरान कोटा और बूंदी सहित अन्य जिलों के थानों की कार्यप्रणाली की जांच की गई। डिकॉय ऑपरेशन में बूंदी जिले के कोतवाली, सदर, गेंड़ोली और तालेड़ा थाना भी जांच के दायरे में आए हैं।
विजिलेंस टीम की जांच में सामने आया कि किसी थाने में परिवाद दर्ज नहीं किया गया, जबकि किसी थाने में रात्रिकालीन गश्त नहीं मिली। इसे कर्तव्य निर्वहन में गंभीर लापरवाही माना गया है। इस पर पुलिस मुख्यालय ने संबंधित थानों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
सूत्रों के अनुसार डिकॉय ऑपरेशन के दौरान रेंज के अन्य थानों में भी अनियमितताएं सामने आई हैं, जिन पर जल्द कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस मुख्यालय स्तर पर रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
23 Dec 2025 10:25 am
Published on:
23 Dec 2025 10:23 am
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