
आंगनबाड़ी केंद्रों की दुर्दशा जग जाहिर है।इनकी मॉनिटरिंग का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग के पास है, लेकिन सुपरवाइजर तक मुख्यालय पर नहीं रहते।ऐसे में मॉनिटरिंग कैसे होगी सोचा जा सकता है।अधिकतर सुपरवाइजर जिला मुख्यालय पर रहते हैं।यहां से अपने मुख्यालय तक जाने और वहां से आंगनबाड़ी केंद्र तक जाने में ही पूरा दिन गुजर जाता है।ऐसे में निरीक्षण और मॉनिटरिंग की बात सोचना भी बेमानी है।
सुपरवाइजर की अनदेखी में ठोस मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। जिला मुख्यालय से आवाजाही करने से वे केन्द्रों का निरीक्षण तक नहीं कर पाते। ऐसे में सिरोही क्षेत्र के अधिकांश आंगनबाड़ी संचालित ही नहीं होते। अक्सर तालें में बंद रहते हैं। कागजों में बच्चों की संख्या दर्ज कर भुगतान उठा रहे हैं।इससे राजकोष को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। निरीक्षण के अभाव में केन्द्र पर काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साहयिका, आशा सहयोगिनी भी मनमर्जी से काम कर रहे हैं।
6 सेक्टर व 4 सुपरवाइजर
सिरोही में 6 सेक्टर व 4 सुपरवाइजर है, लेकिन मुख्यालय पर रहने के बजाय जिला मुख्यालय से आवाजाही करते हैं। इससे आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण व मॉनिटरिंग रामभरोसे ही है। विभाग के स्पष्ट आदेश पर भी सुपरवाइजर नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक सुपरवाइजर को मुख्यालय पर रहने के आदेश है, लेकिन मुख्यालय से नदारद रहते हुए आदेशों की अवहेलना कर रहे हंै।
सिरोही ब्लॉक में 6 सेक्टर
सिरोही सीडीपीओ के अधीन6 सेक्टर है। इसमें जावाल में 21, कालन्द्री में 21, सिलदर में 27, सिरोही में 21, वराड़ा में 23, वेलांगरी में 25 आंगनबाड़ी केन्द्र है। इसमें जावाल व सिलदर सुपरवाइजर मंजूला खत्री, कालन्द्री सुपरवाइजर दुर्गादान, सिरोही व वराड़ा सुपरवाइजर उत्तमसिंह एवं वेलांगरी सुपरवाइजर अनुराधा शर्मा है। मंजूला खत्री को जावाल, दुर्गादान को कालन्द्री, उत्तमसिंह को वराड़ा व अनुुराधा शर्मा को वेलांगरी मुख्यालय आवंटित है।
इन्होंने बताया...
नियमानुसार सुपरवाइजर को मुख्यालय पर रहना चाहिए।ऐसा नहीं है तो जांच कराई जाएगी।वैसे आंगनबाड़ी केन्द्रों की सही मॉनिटरिंग हो रही है। जिस केन्द्र पर जाते है वहां से ऑनलाइन डाटा भेजते हैं।
प्रतापसिंह खोरवाल, कार्यवाहक उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, सिरोही
Published on:
04 Dec 2016 11:15 am
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