
Boy s family pay dowry in Maru Banjara Society rajasthan
देशभर के कई समाजों में आज भी लड़कियों के जन्म पर परिवार में मायूसी छा जाती है। जिसमें एक अहम कारण शायद दहेज प्रथा भी है, लेकिन राजस्थान के मारू बंजारा समाज में लड़की के जन्म पर आज भी उत्सव मनाया जाता है। दहेज प्रथा यहां भी है, लेकिन रीत उलटी है। यहां शादी के लिए लड़की वाले नहीं बल्कि उल्टा लड़के वालों को दहेज देना पड़ता है। लड़के की शादी करने के लिए यहां लड़के के परिजनों को भारी भरकम रकम लड़की के परिजनों को देनी होती है, तभी लड़के की शादी हो पाती है। जिन लोगों के पास पैसे नहीं होते उनके लड़के कंवारे रह जाते हैं। अब समाज के लोग इस प्रथा को बंद करने की कोशिशों में जुट गए हैं।
नहीं हो पाती लड़कों की शादी
बंजारा महासभा के उपाध्यक्ष धारा सिंह बंजारा ने बताया कि मारू बंजारा समाज बेहद रूढ़िवादी और पिछड़ा हुआ है। पुराने जमाने से ही समाज में पैसे लेकर लड़की की शादी कराने की कुप्रथा है। जिसके चलते समाज के तमाम युवक दहेज देने के लिए पैसे ना होने की वजह से बिना ब्याह के ही रह जाते हैं। कई बार नाक का सवाल आ खड़ा होता है। जिसके चलते लड़कों के परिजन शादी विवाह में ही बर्बाद हो जाते है। इस कुप्रथा को मिटाने के लिए समाज के लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।
समाज ने लगाया प्रतिबंध
बारां जिला बंजारा महासभा के अध्यक्ष पूरण सिंह पंवार ने बताया कि इस कुप्रथा को बंद करने के लिए समाज ने 17 सितंबर को पंचायत बुलाई थी। जिसमें श्योपुर बंजारा महासभा ने लड़की की शादी के बदले में धन राशि लेने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने का फैसला सुनाया था। इसके साथ ही जागरुकता लाने के लिए मारू बंजारा समाज के लोगों को लड़की की शादी में दहेज ना लेने की शपथ भी दिलाई गई।
श्योपुर से शुरुआत
बंजारा महासभा श्योपुर (मप्र) के अध्यक्ष पूरण सिंह पंवार ने बताया कि समाज में भारी भरकम राशि लेकर लड़की का विवाह करने की कुप्रथा अब समस्या बन चुकी है। समाज से इस कुप्रथा को हटाने एवं समाज को शिक्षा से जोडऩे की पहली शुरुआत बारां जिले के श्योपुर से की गई है। जहां इस समाज के लोग काफी संख्या में रहते है। राजस्थान में अगली बैठक बारह नवम्बर को जोधपुर में चौदह नवम्बर को बगरू जिला में रखी गई है।
Updated on:
30 Oct 2017 12:11 pm
Published on:
30 Oct 2017 12:09 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
