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OMG: सांगोद में अपराधी बैखोफ कर डालते हैं संगीन जुर्म, बंद है तीसरी आंख

कस्बे में आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जनसहयोग से लगाए गए सीसी टीवी कैमरे पिछले डेढ़ साल से बंद पड़े हैं। अपराधी बैखोफ है। पुलिस के निगरानी तंत्र को भी ग्रहण लग रहा है।

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कोटा

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Zuber Khan

Jul 04, 2018

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पांच महीने के बाद भी नहीं चालू हो सका रेलवे स्टेशन का सीसी कैमरा

सांगोद. कस्बे में आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जनसहयोग से लगाए गए सीसी टीवी कैमरे पिछले डेढ़ साल से बंद पड़े हैं। सीएलजी की बैठक में सदस्यों ने हर बार मुद्दा उठाया। पुलिस अधिकारी जल्द कैमरे सुधरवाने का भरोसा दिलाते हैं, लेकिन अभी तक हालात ज्यों के त्यों है। सीसी टीवी कैमरें बंद होने से अपराधी बैखोफ है। पुलिस के निगरानी तंत्र को भी ग्रहण लग रहा है। कैमरों की सुध ना तो पुलिस विभाग ले रहा और ना ही अन्य किसी विभाग व संस्था ने सुचारू कराने में रूचि दिखाई है।

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उल्लेखनीय है कि यहां करीब ढाई साल पूर्व पुलिस प्रशासन की पहल पर नगर पालिका, काशीपुरी हिन्दू जनता ट्रस्ट समेत स्थानीय व्यापारियों एवं जनप्रतिनिधियों के आर्थिक सहयोग से सार्वजनिक स्थलों पर 14 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए थे। कुछ अरसे तक इनकी व्यवस्था सुचारू रही, लेकिन बाद में संचालन भगवान भरोसे हो गया। बीते डेढ़ साल से सभी कैमरें बंद पड़े हैं।

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शुरू से ही भगवान भरोसे
पूरी तरह वाईफाई तकनीक आधारित इन कैमरों का संचालन शुरू से ही भगवान भरोसे था। बार-बार इनमें दिक्कत आने पर इन्हें लगाने वाली समिति ने कम्पनी का कुछ भुगतान रोक लिया। डेढ़ साल पूर्व चौराहों का सौंदर्यीकरण हुआ तो कम्पनी कर्मचारी मरम्मत का बहाना बनाकर आधा दर्जन कैमरे खोलकर ले गए, लेकिन बाद में उन्हें नहीं लगाया।

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पानी में गया पैसा
यहां कैमरे लगाने में जनसहयोग से जुटाए करीब तीन लाख रुपए खर्च हुए थे। कैमरे लगने के बाद उम्मीद बंधी थी कि इससे अपराधों में कमी आएगी। जब तक कैमरे चले अपराधियों में भी डर रहा, लेकिन अब यहां बाइक चोरी की वारदातें बढऩे लगी है। कई बार मुद्दा पुलिस की बैठकों में भी उठा, लेकिन हर बार की तरह मामला फाइलों में दब गया।