8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सावधान कोटावासियों ! पैसे उधार देने से पहले पढ़ लीजिए यह खबर, कहीं पछताना न पड़ जाए…

किसी को रकम या माल उधार देना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। उधार रकम देने के बदले मिले चेक के अनादरित होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Zuber Khan

Mar 10, 2018

cheque bounce

कोटा . किसी को रकम या माल उधार देना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। उधार रकम देने के बदले मिले चेक के अनादरित होने से कोर्ट के चक्कर लगाना भारी पड़ रहा है। वह भी उस स्थिति में जब 6 माह की निर्धारित अवधि में फैसले की आस लगाए लोगों को उस अवधि की तो सुनवाई की पेशी मिल रही है। कोटा जजशिप में चेक अनादरण के 12 हजार से अधिक मामले लम्बित हैं। इनमें से कई मामले तो दस साल पुराने हैं।

Read More: गांव में लगी चौपाल पर बैकफुट पर आए राजावत बोले नहीं बांधेंगे वीसीआर भरने वालों को पेड़ से


नेगोशिएबल इंस्टूमेंट (एनआई) एक्ट की धारा 143 की उप धारा 3 में प्रावधान है कि चेक अनादरण के मामलों का यथासंभव शीघ्रता से संचालन किया जाएगा। अदालत में परिवाद पेश करने बाद 6 माह के भीतर उसे निस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन हालत यह है कि चेक चाहे दस हजार रुपए का हो या दस लाख का। उसके निस्तारण में समय उतना ही लग रहा है। कोटा जजशिप में चेक अनादरण की 4 अदालतें होने के बावजूद नोटिसों की तलबी में ही 4 से 5 माह की पेशी मिल रही है।

Read More: सोच समझ कर बैठे कोटा की सिटी बस में, एक महिला के लिए जानलेवा बनी सिटी बस

एक से चार हुई अदालतें
कोटा जजशिप में कई साल पहले तक चेक अनादरण के मामले संबंधित थाना क्षेत्रों की अदालतों में ही पेश किए जाते और वहीं उनकी सुनवाई होती थी। कुछ समय पहले चेक अनादरण की एक विशेष अदालत खोली गई तो सभी मुकदमें वहां शिफ्ट किए गए। एक साथ हजारों मुकदमे वहां आने से स्थिति बिगडऩे पर उन्हें फिर से संबंधित अदालतों में हस्तांतरित किया गया था, लेकिन मुकदमों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कुछ समय पहले यहां एक से बढ़ाकर चार अदालतें खोली गई। फिर भी मुकदमों का निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा।

Read More: जानिये कौन है चंबल के 34 दुश्मन, पढि़ए पूरी खबर

रोजाना 75 से 125 मामलों की सुनवाई
कोटा जजशिप में चेक अनादरण के करीब 12 हजार से अधिक मामले लम्बित हैं। इनमें से 900 से अधिक दस साल पुराने व करीब 2 हजार मामले 5 साल से पुराने हैं। हालत यह है कि चारों अदालतों में रोजाना 75 से 125 मुकदमों की कॉजलिस्ट बन रही है। इनमें से अधिकतर में सुनवाई के लिए 4 से 5 माह की पेशी मिल रही है।

एडवोकेट विवेक नंदवाना ने बताया कि चेक अनादरण अदालतों के पास विपक्षी के समन वारंट तामील के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। तामील पुलिस विभाग के माध्यम से ही करवाई जा रही है, लेकिन विभाग ऐसे मामलों को निजी मानते हुए वारंट तामील में अधिक रुचि नहीं लेता है। वारंट कई दिन तक थानों में पड़े रहने से तामील में अधिक समय लग रहा है। चेक अनादरण के मामले बढऩे का कारण वित्तीय संस्थानों द्वारा न्याय शुल्क बचाने के लिए इस तरह के परिवाद पेश करना है।