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सवालों से घिरे महापौर तो उखड़कर बोले, विरोध के बावजूद पारित करवा लिया प्रस्ताव

सवालों से घिरे महापौर ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अंधेरे में रखा और बिना जानकारी के इतना बड़ा फैसला ले लिया।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 23, 2017

Nagar Nigam Kota

कोटा .

कोचिंग संस्थानों से सफाई शुल्क वसूल करने के राजस्व समिति के प्रस्ताव के बारे में महापौर महेश विजय ने कहा कि उस दिन वो कोटा से बाहर थे। आनन-फानन में राजस्व समिति की बैठक बुलाई गई और कोचिंग संस्थानों पर प्रत्येक छात्र के हिसाब से एक हजार रुपए सफाई शुल्क वसूल करने का प्रस्ताव विरोध के बावजूद पारित करवा लिया।

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सवालों से घिरे महापौर ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अंधेरे में रखा और बिना जानकारी के इतना बड़ा फैसला ले लिया। इस बारे में अधिकारियों से बात करेंगे। महापौर का कहना था कि ऐसी क्या जल्दी थी कि बिना चर्चा के नया कर लागू करने का प्रस्ताव पारित करवा लिया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजस्व समिति का प्रस्ताव है, इसे अभी लागू नहीं किया जा रहा है। मैंने आपत्ति जता दी है। बोर्ड बैठक में इसे रखेंगे। इस टैक्स के सभी पहलुओं पर गुरुवार को अधिकारियों से चर्चा करेंगे।

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विरोध हुआ तो बोर्ड बैठक की याद आई
राजस्व समिति की बैठक में सफाई शुल्क वसूली के अलावा और भी प्रस्ताव लिए गए थे। उन प्रस्तावों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया, जिसमें निगम की दुकानों संबंधी प्रस्ताव भी शामिल था। इसे लागू कर शिविर लगाने की सूचना भी निगम ने जारी कर दी। वहीं सफाई शुल्क मामले का विरोध हुआ तो महापौर ने कहा कि इसे बोर्ड बैठक में लेकर चर्चा करने की बात कही।

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अंदर की बात
बैठक के एजेण्डे के अनुसार कोचिंग और निजी शिक्षण संस्थानों पर प्रत्येक छात्र के हिसाब से एक हजार रुपए का शुल्क रखने का प्रस्ताव रखा था। सदस्यों ने इस राशि को ज्यादा बताते हुए आपत्ति जताई थी। बैठक में एक आला अधिकारी ने कहा कि विरोध होगा तो इसे घटाकर 500 रुपए प्रति छात्र कर देंगे।

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भाजपा को बदनाम करने की कोशिश
भाजपा पार्षद रमेश आहूजा ने कहा कि निगम आयुक्त और राजस्व समिति ने भाजपा और सरकार को बदनाम करने के लिए नियमों से परे जाकर कोचिंग संस्थाओं पर सफाई का टैक्स लागू किया है। आय बढ़ाने के लिए निगम के पास संसाधनों की कमी नहीं है, फिर विद्यार्थियों पर बोझ डालना उचित नहीं। अवैध निर्माण कार्यों पर कार्रवाई करें, निगम में खूब पैसा आएगा।

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व्यापार महासंघ भी विरोध में उतरा
कोटा व्यापार महासंघ अध्यक्ष क्रांति जैन और महासचिव अशोक माहेश्वरी ने भी कोचिंग संस्थानों पर प्रत्येक छात्र के हिसाब से एक हजार रुपए का सफाई शुल्क लेने के निगम के फैसले पर विरोध जताया है। उन्होंने चेताया कि यदि जबर्दस्ती यह टैक्स लागू किया गया तो आंदोलनात्मक कदम उठाया जाएगा।

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कोचिंग स्टूडेंट्स से पैसा वसूलना गलत : धारीवाल
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने सफाई शुल्क वसूली के फैसले को बचकाना बताते हुए आरोप लगाया कि निगम, राज्य व केंद्र सरकार से सफ ाई के नाम पर आ रहा बजट तो खर्च करने में सक्षम नहीं। शहर की बदहाली से हर तबका परेशान है, ऐसे में बाहर से आने वाले मेहमान विद्यार्थियों से टैक्स वसूली का निगम का इरादा किसी भी सूरत में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। कांग्रेस इसका विरोध करेगी। पीसीसी सदस्य क्रांति तिवारी ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर सफाई शुल्क वसूली पर रोक की मांग की।

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बंद कमरे में बन रही योजना
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि निगम ने आज तक राजस्व वसूली के नाम पर होर्डिंग, मैरिज हॉल, होटल व मैस वालों को छेड़ा तक नहीं। ऐसे में कोचिंग छात्रों पर सफाई शुल्क लादना अनुचित है। यहां देशभर के स्टूडेंट्स आते हैं, उनके अभिभावकों के सामने कोटा की क्या छवि जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि आयुक्त निगम की हर योजना को बंद कमरे से शुरू करवाना चाह रहे हैं। रोजाना नए-नए आदेश जारी करते हैं, लेकिन महापौर व मंत्री का दबाव आते ही फरमान ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। यही वजह है कि राजस्व में बढ़ोतरी नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि सफाई शुल्क वसूली प्रस्ताव का बोर्ड बैठक में विरोध करेंगे। प्रदर्शन में दीपक केवट, सुरेंद्र सेनी, ईशान अंसारी मौजूद रहे।