
डेंगू पर बोले सीएमएचओ
शहर में डेंगू जैसी महामारी से अब तक 55 मौतों के मामले में भले ही चिकित्सा मंत्री कालीचरण नहीं स्वीकारते हैं, लेकिन कोटा के अधिकारी इस बात को स्वीकारते है। खुद सीएमएचओ डॉ. आर.के. लवानिया ने माना कि शहर में डेंगू, वायरल जैसी बीमारियों से यह मौतें हुई हैं। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री गुरुवार को मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक लेने आ रहे है। यदि बैठक में यह मामला उठता है तो मैं बोलूंगा कि हां मौतें हुई हैं।
हम मानते हैं मौतें हुईं, मंत्रीजी नहीं मानते
गौरतलब है कि पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान चिकित्सा मंत्री ने कोटा शहर में डेंगू से तीन मौतें होने की बात कही थी। मंत्रीजी के बयान के बाद कोटा शहर में रोष व्याप्त हो गया था। जब राजस्थान पत्रिका ने सीएमएचओ डॉ. आर.के. लवानिया से पूछा तो उनका कहना है कि भले की मंत्रीजी नहीं मानें, लेकिन हम मानते हैं कि डेंगू, वायरल जैसी बीमारियों से सभी मौतें हुई हैं।
गले की फांस बनी मौतें
कोटा में डेंगू से इस सीजन में 55 मौतें हो चुकी है। बावजूद सरकार हकीकत को स्वीकार नहीं कर रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये मौतें बीमारियों से नहीं हुई तो आखिर में किससे हुई है। यह प्रश्न का उत्तर कोई नहीं दे रहा है। यह प्रश्न अब सरकार के गले की भी फांस बन गया है।
सीएमएचओ डॉ. आर.के. लवानिया से बात
रिपोर्ट में 278 पॉजीटिव मरीजों का डाटा नहीं मिल रहा, ये अंतर क्यों?
जवाब : रिपोर्ट में दो सौ से अधिक मरीजों के नाम शामिल नहीं हैं। इसलिए उन्हें रिपोर्ट में नहीं जोड़ा गया। कई नाम दो बार रिपोर्ट हो गए, छह के एड्रेस नहीं हैं। डाटा संग्रहण के लिए लैब में दो अतिरिक्त कर्मचारी और लगाए हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
जवाब : टीम गठित की है, लेकिन बैठकों व अन्य कार्यों से टीम को आदेश नहीं दे पाए। इसलिए अभी कार्रवाई नहीं हुई।
शहर में डेंगू रोकथाम के क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
जवाब : जिला प्रशासन, सीएमएचओ ऑफिस व नगर निगम के संयुक्त प्रयासों से सुबह-शाम फोगिंग करवाई जा रही है। एंटी लार्वा एक्टिविटी के लिए 35 जनों की टीम लगा रखी है, जो दिन भर घर-घर सर्वे कर रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
Published on:
02 Nov 2017 02:02 pm
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