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मिसाल : ऐसे खोले ग्रामीणों ने अपनी तरक्की के रास्ते, अब मिलेगा 100 गांवों को लाभ….

kota district : दो राज्यों को जोडऩे के लिए चंदा करके बना दी रपट, मध्य प्रदेश से जुड़ा राजस्थान, डेढ़ सौ किमी की दूरी हुई कम  

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पार्वती नदी पर रपट

पार्वती नदी पर रपट

महेन्द्रसिंह सिसोदिया

पीपल्दाकलां. सरकार और अफसरों ने जब मुंह फेरा तो ग्रामीणों ने खुद ही अपनी मुश्किलों से लडऩे का रास्ता अख्तियार कर लिया। पार्वती नदी पर पुल तो नहीं बना सके, लेकिन आपस में चंदा जुटाकर नदी में एक रपट जरूर बना ली। जिससे न सिर्फ दो राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान सीधे इस इलाके से जुड़ गए, बल्कि ग्रामीणों का डेढ़ सौ किमी का फेरा भी कम हो गया।
पीपल्दा कलां इलाके में पार्वती नदी से गुजरने के लिए पुल का कोई इंतजाम नहीं है। सालों से ग्रामीण पुलिया बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार हर बार इसे अनसुनी कर देती है। सरकार की अनदेखी आजिज आकर पीपल्दा कलां क्षेत्र के ग्रामीणों ने अपनी तरक्की के रास्ते खुद खोल लिए। राजस्थान की सीमा से सटे शहनावदा पंचायत के नजदीक मध्यप्रदेश की सीमा से सटेगावों के लोगो ने आपस में चन्दा एकत्रित किया और पार्वती नदी पर रपट का निर्माण कर डाला।

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हर साल देते हैं इम्तहान
नदी पर रपट बनाने का सिलसिला लगभग 8 साल से चल रहा है। अब तक 5 से 7 लाख रुपए खर्च किए जा चुके है।

100 गांवों को मिलता है फायदा

पार्वती नदी में रपट बनने पर मध्यप्रदेश सीमावर्ती रूण्डियां, पनवाड़, अतनवाड़,बासुंड, अलापुरा, बाजरली, पाड़ली, पाण्डुला, बडौदा, पेमशर, नड़ावदा,लुवाड़, नागरवाड़ा, बड़ावदा, खोत, मकड़ावदा सहित 100 गावों का सम्पर्क राजस्थान से हो गया।

बनवा रहे हैं प्रस्ताव

क्षेत्र के तीन काम मंडावरा बाई पास, सांगाहेडी सम्पर्क सडक और पुलिया निर्माण केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालाय के पास लंबित है। शहनावदा पार्वती पुलिया को निर्माण परिधि में लाने के लिए पीडब्ल्यूडी के अभियंता को कार्रवाई के लिए कहा गया है। यह कार्य अंतिम स्टेज पर है। ताकि बडोद मध्यप्रदेश तक उसे जनहित का आवश्यक कार्य साबित कर सके। पहले किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। प्रोजेक्ट तैयार करवाया जा रहा है। आवश्यकता हुई तो मध्यप्रदेश सरकार से भी बात की जाएगी।
रामनारायण मीणा, विधायक, पीपल्दा