
महकने से पहले ही अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया धनिया, इस बार देरी से आएगा मंडियों में ...
रामगंजमंडी. विशिष्ट श्रेणी की धनिया मंडी में दिसम्बर माह के अंतिम दिनों व जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में मध्यप्रदेश के भानपुरा तहसील से नए धनिए की दस्तक की लंबे समय से परिपाटी रही है। वर्ष 19 में दिसम्बर का माह सूना बीत गया और नए साल की शुरुआत हो गई लेकिन नए धनिए की आवक नहीं हुई। नए धनिए की दस्तक में विलंब का कारण इस साल अतिवृष्टि बताया जा रहा है। इस कारण मंडी में नए धनिए की दस्तक देरी से होगी। जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश के भानपुरा तहसील के सानड़ा गांव से आठ बोरी नया धनिया आया था। मंडी की खुली नीलामी में इसे व्यापारी ने 8501 रुपए क्विंटल में खरीदा था। मंडी की फर्म रमेशचंद लोकेश कुमार की आढ़त में सानड़ा का किसान जगदीश यह धनिया लाया था।
ऐसे बदली परम्परा
मध्यप्रदेश के भानपुरा, गरोठ, के समीपवर्ती गांवों में वर्ष 19 में जबरदस्त बरसात हुई है। बरसात से बगीचों में लगाए जाने वाला धनिया पूरी तरह से अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया। इस कारण दिसम्बर माह में दस्तक देने वाला धनिया मंडी में इस बार नहीं आया। व्यापारियों का मानना है कि बरसात का तंत्र इस बार सितम्बर माह तक जारी रहा है। ऐसे में धनिया की पैदावार देरी से आने की संभावना है।
यूं आता है नया धनिया मध्यप्रदेश से
भानपुरा तहसील में अधिकांश किसानों ने नारंगी के बगीचे लगाए हुए हैं। किसान इन बगीचों के बीच अक्सर धनिया की बुवाई करते हैं। समय से पहले बुवाई व नियमित रूप से धनिए के पौधों को पानी मिलते रहने से यह जल्दी पल्लवित होता है। इसी धनिए को तैयार करके किसान मंडी में बेचने के लिए आते हैं। कम भूमि पर बुवाई के कारण शुरुआती दौर में ऐसे धनिए की मात्रा कम होती है। कभी पांच बोरी तो कभी आठ से दस बोरी तक नया धनिया मंडी में दस्तक देता है। दिसम्बर के अंतिम दिनों मे ऐसा धनिया आता है।
अभी नहीं दिख रहे फूल
धनिया की बुवाई इस बार देरी से होने के कारण धनिए की फसल का रकबा प्रभावित है। धनिए में फूल बनने की अभी शुरूआत नहीं हुई तो कई जगह धनिया की पौध पल्लवित नही हुई है।
Published on:
02 Jan 2020 05:46 pm
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