scriptपटाखा युद्ध का ऐसा जबरदस्त घमासान न कभी देखा होगा और ना ही सुना होगा | Cracker war in nainwan | Patrika News
कोटा

पटाखा युद्ध का ऐसा जबरदस्त घमासान न कभी देखा होगा और ना ही सुना होगा

नैनवा में गोवर्धन पूजा के बाद “पटाखा युद्ध” हुआ। पटाखा युद्ध में शामिल दलों के बीच इस कदर घमासान हुआ कि पुरानी हवेली धूं-धूं कर जल उठी।

कोटाOct 21, 2017 / 10:23 am

​Vineet singh

Cracker war in nainwan, Cracker war in Rajasthan, Cracker war on Diwali, Rajasthan Patrika, Kota Patrika, Patrika News, Kota News, Bundi News, Cracker war in Bundi

Cracker war in nainwan

दो पहलवानों के बीच दंगल देखे होंगे, कबड्डी और क्रिकेट का घमासान देखा होगा, लेकिन दावा है कि कभी आपने दिवाली के मौके पर पटाखा युद्ध नहीं देखा होगा। बूंदी जिले के नैनवां कस्बे में गोवर्धन पूजा के बाद सालों से युवकों के बीच आतिशबाजी का घमासान होता है। जिस देखने के लिए दुनिया भर के लोग यहां आते हैं। आधी रात को होने वाला पटाखा युद्ध का घमासान इतना तेज होता है कि बम के धमाकों की आवाज भी इसके आगे धीमी जान पड़ती है।
 

न जलने की परवाह होती है न जलाने की। हर किसी पर विरोधी दल पर हमला कर उसे खदेड़ने का जूनून सवार रहता है। थैलो में पटाखे भरकर मैदान में आ डटते हैं “पटाखा युद्ध” में भाग लेने वाले युवकों की दल। “पटाखा युद्ध” में शामिल योद्धाओं की मोर्चा बन्दी देखते ही बनती है। नैनवां में सालों से हो रहे “पटाखा युद्ध” को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। वहीं कस्बे के लोगों में “पटाखा युद्ध” को लेकर इस कदर उत्साह होता है कि शाम से ही बाजारों में सन्नाटा पसर जाता है।
यह भी पढ़ें

आनंदपाल के बाद अब पुलिस ने किया पारदी का सफाया

4 घंटे तक चला घमासान

गोवर्धन पूजा के बाद इस बार नैनवां में शुरुआ हुआ “पटाखा युद्ध” का घमासान 4 घंटे से भी ज्यादा चला। इस घमासान में कस्बे के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। एक हाथ में पटाखे तो दुसरे हाथ से पटाखे जलाने का सामना थामे युवाओं ने जब एक दूसरे पर पटाखों से हमला किया किया तो इस “पटाखा युद्ध” को देखने वाला हर कोई रोमांच से भर उठा। हमले बढ़ने के साथ ही पटाखा युद्ध का निर्णायक दौर भी आने लगा, लेकिन कोई किसी से कम पड़ने को राजी नहीं था। 4 घंटे तक लगातार हुई आतिशबाजी से पूरा कस्बा रोमांच से भर गया।
यह भी पढ़ें

राजस्थान चुनाव में दो सीटें जीत धमाकेदार तरीके से मनी भाजपा की दिवाली

40 साल पहले हुई थी शुरुआत

नैनवां में पटाखा युद्ध की परंपरा चार दशक से चली आ रही है। वैसे तो पूरे शहर में पटाखा युद्ध चलता है। लेकिन मुख्य नजारा मालदेव चोक, झंडे की गली, लोहड़ी चोहटी, दपोला, बूंदी रोड. देइपोल और चार हाथियां पर “पटाखा युद्ध” के मुख्य मैदान सजते हैं। जहां युवाओं की टोलियां एक दूसरे पर जीत हासिल करने के लिए पटाखे जलाकर फैंकती हैं। यह खेल इतना खतरनाक होता है, कि इसमें शामिल कई युवक पटाखों की चपेट में आकर झुलस जाते हैं। झुलसने वाले युवकों का दल “पटाखा युद्ध” से बाहर हो जाता है और जो आखिर तक मोर्चा लेता रहता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।
यह भी पढ़ें

दरोगा को भारी पड़ गई दारू, नशे में इतने हुए टल्ली कि दिवाली पर मना डाली होली


पटाखा युद्ध से लगी हवेली में आग

“पटाखा युद्ध” जब तक खत्म नहीं होता नैनवां पुलिस और फायर ब्रिगेड की सांसें अटकी रहती हैं। इस बार पटाखा युद्ध के दौरान कस्बे के बीच स्थित पुरानी हवेली में आग लग गई। हवेली से लपटे उठती देख कर आग पर काबू पाने के लिए पुलिस दौड़ पड़ी। दमकल के सहयोग से आग पर काबू पाया, लेकिन इसके बावजूद भी पटाखा युद्ध खत्म नहीं हुआ और रात साढ़े 11 बजे जाकर अंतिम मुकाबला हुआ।

Home / Kota / पटाखा युद्ध का ऐसा जबरदस्त घमासान न कभी देखा होगा और ना ही सुना होगा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो