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इंजीनियरिंग में कम नहीं हुआ कोर ब्रांचेज का क्रेज

50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने कोर ब्रांचेज में दिखाई रुचि

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इंजीनियरिंग में कम नहीं हुआ कोर ब्रांचेज का क्रेज

इंजीनियरिंग में कम नहीं हुआ कोर ब्रांचेज का क्रेज

जेईई एडवांस्ड की रिपोर्ट जारी होने के बाद कई विश्लेषण सामने आ रहे हैं। इसमें विद्यार्थियों की ओर से काउंसलिंग के दौरान चुनी गई ब्रांच प्राथमिकताओं के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। इसके अनुसार इस वर्ष भी काउंसलिंग में भाग लेने वाले 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने कोर ब्रांचेंज को प्राथमिकता दी है।

इसमें कम्प्यूटर साइंस के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस, मैथ्स एण्ड कम्प्यूटिंग, इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रीकल, मैकेनिकल, सिविल, कैमिकल, इंजीनियरिंग एण्ड कम्प्यूटेशनल मैकेनिक्स, मशीन लर्निंग जैसी ब्रांचों को भी अपनी प्राथमिकता सूची में वरीयता दी है।विद्यार्थियों ने दिखाई रुचि

कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष 40712 स्टूडेंट्स आईआईटी में प्रवेश के लिए आयोजित काउंसलिंग में शामिल होने के लिए क्वालीफाई किए गए। इनमें से 38296 स्टूडेंट्स ने काउंसलिंग में भाग लिया। इन स्टूडेंट्स ने 47 लाख 33 हजार 894 कॉलेजेज, ब्रांचेज को काउंसलिंग में भरा। इन 38296 में से लगभग सभी ने कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को अपनी प्राथमिकता में रखा।

इसके अतिरिक्त 20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस, मैथ्स एण्ड कम्प्यूटिंग, इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रीकल, मैकेनिकल, सिविल, कैमिकल, इंजीनियरिंग एण्ड कम्प्यूटेशनल मैकेनिक्स, मशीन लर्निंग ब्रांचेंज को टॉप ऑर्डर में रखा रहा है। इन ब्रांचेज के साथ-साथ 10 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने एयरोस्पेस, मेटलर्जी, इंजीनियरिंग फिजिक्स, एनर्जी इंजीनियरिंग, पांच वर्षीय इलेक्ट्रिकल, मैथ्स एंड कम्प्यूटिंग व इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन ब्रांचेज को टॉप पर रखा।

एक प्रतिशत छात्राओं ने जेंडर न्यूट्रल पूल से ली आईआईटी सीट

इस वर्ष 6 हजार 516 छात्राओं को आईआईटी में प्रवेश की काउंसलिंग के लिए योग्य घोषित किया गया। उनमें से छात्राओं की सुपरन्यूमेरेरी सीटें मिलाकर 3 हजार 310 छात्राओं को आईआईटी की सीट आवंटित की गई। जिन छात्राओं ने आईआईटी में प्रवेश लिया, उनमें से मात्र 34 छात्राएं ही ऐसी रही, जिन्हें जेंडर न्यूट्रल पूल से सीट आवंटित हुई। बाकी अन्य सभी छात्राओं को फीमेल पूल से आईआईटी में प्रवेश मिला। इस प्रकार मात्र एक प्रतिशत छात्राओं ने ही जेंडर न्यूट्रल पूल से आईआईटी की सीट ली।