सावधान कोटावासियों! शहर में सक्रिय हुआ डेंगू और स्वाइन फ्लू, कोचिंग छात्र व बुजुर्ग पॉजीटिव, चिकित्सा विभाग ने किया इंकार
कोटा में लगातार बारिश व बाढ़ के चलते गंदगी, कीचड़ व खाली पड़े भूखण्डों में भरे पानी के कारण मच्छरों के लार्वा पनपने से एकाएक डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ गई। चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट देखें तो 2018 के सितम्बर व अक्टूबर में 265 डेंगू मरीज थे। इस सीजन में अगस्त तक मात्र 67 डेंगू मरीज ही सामने आए थे। लेकिन सितम्बर व अक्टूबर में मात्र 42 दिन में 281 डेंगू पॉजीटिव मरीज सामने आ चुके। बावजूद चिकित्सा विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा है।वार्डन पर गंभीर आरोप: एसडीएम से बोली बेटियां- खाने को देती जली रोटियां और धुलवाती गंदे कपड़े, मना करने पर करती मारपीट
यह कैसा युद्धस्तर पर अभियान ?
चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर वैसे तो सालभर अभियान चलाया जाता है। जिले में करीब 260 टीमें प्रतिदिन घरों का सर्वे करती हैं। अभियान के तहत जनवरी से जुलाई तक 9 लाख से ज्यादा घरों का सर्वे किया जा चुका है। जबकि हकीकत यह है कि टीमों को अगस्त माह शहर के सवा तीन लाख घरों का सर्वे करना था, लेकिन 90 हजार घरों का ही सर्वे हो सका। सर्वे करने में 60 टीमें शामिल थीं, जिनमें करीब 300 सदस्य थे। विभाग का दावा था कि उन्होंने प्रतिदिन घर-घर सर्वे किया । आधा-अधूरा सर्वे होने से डेंगू मच्छरों पर नियंत्रण नहीं हो सका।
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कोचिंग क्षेत्र भी प्रभावित
कोचिंग क्षेत्र तलवंडी, राजीव गांधी, महावीर नगर क्षेत्र में कोचिंग विद्यार्थी भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं। कई विद्यार्थियों का निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। इस विद्यार्थी को एक से दो बार एसडीपी चढ़ाई जा रही है। विद्यार्थियों ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि डेंगू के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पांच से सात दिन एक विद्यार्थी को अस्पताल में रहकर इलाज करवाना पड़ रहा है।