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तीन संतान की शर्त से कई बेटे-बेटियां शिक्षा से रह जाएंगे वंचित

सरकार बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए हर प्रकार का प्रयास कर रही है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में देखने में आया है।

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Shailendra Tiwari

Jun 13, 2017

सरकार बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए हर प्रकार का प्रयास कर रही है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में देखने में आया है। सरकार ने 'देवनारायण गुरूकुल योजना के तहत कक्षा छह में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के प्रवेश के साथ ही तीन संतान वाले माता-पिता की संतान को प्रवेश से बाहर कर दिया है।

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सरकार अब पूरी तरह से 'हम दो-हमारे दोÓ के मूड़ में नजर आ रही है लेकिन इसी वर्ष लिए इस निर्णय के चलते कई गरीब परिवारों की बेटे-बेटियां शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में सरकार का बेटी-पढ़ाओं-बेटी बचाओं का नारा कैसे सार्थक होगा। नई शर्त को लेकर कई अभिभावकों ने योजना में बेटियों को तीन संतान से छूट देने की मांग की है।

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इतने को प्रवेश

प्रदेशभर में देवनारायण गुरूकुल योजना के तहत 49 आवासीय स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है। इसमें एससीएसटी व विशेष पिछड़ा वर्ग के 500 छात्रों को प्रवेश परीक्षा के मार्फत प्रवेश दिया जाता है। झालावाड़ में योजना के तहत जिले में एक निजी विद्यालय में छात्रों के लिए अध्ययन की सुविधा मुहैया करा रखी है। आवेदन देने के समय ही छात्रों को स्कूलों का चयन करना होता है। उसके अनुसार ही स्कूलों का आंवटन किया जाता है।

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बेटियों को मिले छूट

योजना में प्रवेश के तहत अभिभावकों ने यह मांग की कि जिसके दो से अधिक संतान है उनकों को सभी को योजना में शामिल नहीं किया जाए। लेकिन उनके किसी भी एक बच्चे को तो योजना में शामिल किया जाए।

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धानोदी निवासी अभिभावक बनेसिंह गुर्जर ने बताया कि मेरी भतीजी का प्रवेश करवाना है, लेकिन उनके तीन संतान होने से बालिका प्रवेश से वंचित है। शिक्षा विभाग से हमारी मांग है कि योजना में नई शर्त जोड़ी गई है ठीक है, लेकिन तीन में से जिसके दो पुत्रियां है तो एक को तो प्रवेश देना चाहिए।

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नहीं तो सरकार के बेटी-पढ़ाओं, बेटी बचाओं के नारे का क्या मतलब। वहीं सालरी निवासी राकेश कुमार मीणा ने बताया कि उसके दो बेटियां व एक पुत्र है, बेटी ने पंाचवी पास कर ली है। लेकिन तीन संतान की शर्त से योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कम से कम सरकार को बालिकाओं को इसमें शामिल करना चाहिए। अभी अंतिम तिथि में 20 दिन है शर्त में बदलाव किया जाना चाहिए।

यह जोड़ी शर्त

प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र-छात्राओं के लिए पात्रता की शर्तों में अभ्यर्थी का कक्षा 5वीं में कम से कम सी ग्रेड से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। साथ ही जाति, मूल प्रमण-पत्र, माता-पिता के आयकर दाता नहीं होना चाहिए। योजना में नई शर्त यह जोड़ी गई है कि योजना में उन्हीं माता-पिता, जिनकी अधिकतम दो संतान हो के पुत्र/ पुत्री ही प्रवेश एवं लाभ के लिए पात्र होंगे।

30 जून अंतिम तिथि

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अनुसार उच्च प्रतिष्ठित विद्यालयों में कक्षा 6 में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है। इसमें एससी, एसटी व विशेष पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राएं इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए 30 जून तक डीईओ कार्यालय से आवेदन पत्र लेकर निर्धारित प्रारुप में आवेदन भरकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय माध्यमिक में जमा करा सकते हैं।

गुरूकुल योजना में इस बार तीन संतान की शर्त जोड़ी गई है। यह उच्चस्तर का मामला है। फिर भी अभिभावकों की शिकायत को उच्चाधिकारियों को भेज देंगे।

सुरेन्द्रसिंह गौड़, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, झालावाड़

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