
Emergency Lending of helicopter in Kota
कोटा में मंगलवार को एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लेंडिंग करानी पड़ी। हेलीकॉप्टर में अचानक ऐसी तकनीकी खराबी आई कि उसे एयर पोर्ट तक लाना मुश्किल हो गया। इसलिए पायलट ने गेहूं के खेतों में ही हेलीकॉप्टर उतार दिया।
मंगलवार दोपहर को कोटा में उस वक्त हड़कंप मच गया जब आसमान में उड़ रहे एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लेंडिंग करानी पड़ी। हेलीकॉप्टर में अचानक तकनीकी खराबी आ गई। जिससे पायलट ने काबू खो दिया। हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि पायलट को आनन-फानन में सेमकोर फैक्ट्री के पीछे गेहूं के खेत में ही हेलीकॉप्टर उतारना पड़ा। जबकि वहां के कुछ किमी की दूरी पर ही कोटा एयरपोर्ट स्थित है, लेकिन हेलीकॉप्टर को वहां तक लाना संभव नहीं हो सका।
गनीमत यह रही कि पायलट ने समझदारी दिखाई और बेकाबू हेलीकॉप्टर को रिहायसी इलाके से निकालकर खेतों की ओर ले गए। जिससे बड़ा हादसा टल गया और हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए।
हर महीने होती है पेट्रोलिंग
हेलीकॉप्टर में सवार गेल इंडिया के सीनियर इंजीनियर सीएल मीणा ने बताया कि वह वीजापुर से लेकर कोटा तक बिछी गैस की पाइप लाइन की पेट्रोलिंग करते हैं। मंगलवार को भी अटरू, अंता होते हुए गढ़ेपान तक आए थे। इसके बाद नयापुरा घूमते हुए डीसीएम जा रहे थे, तभी अचानक हेलीकॉप्टर में खराबी आ गई और उसकी इमरजेंसी लेंडिंग करानी पड़ी।
दहशत में आ गए नीचे बैठे लोग
इमरजेंसी लेंडिंग के दौरान गेंहू के खेत में मालिक अजय खत्री निर्माण कार्य करवा रहे थे। हेलीकॉप्टर को आसमान में हिचकोले खाते देख वह भी डर गए। इससे पहले कुछ समझ पाते इमरजेंसी लेंडिंग हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के उतरते ही उसमें से धूआं उठने लगा और सभी लोग गेट खोलकर भागे। सीआई बोरखेड़ा लोकेंद्र पालीवाल ने बताया कि हेलीकॉप्टर में दो क्रू मेंम्बर और एक गेल के इंजीनियर सवार थे। तीनों लोग सुरक्षित हैं।
Published on:
11 Apr 2017 03:50 pm
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