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ExpressWay : राजस्थान में आर्थिक उन्नति के द्वार खोलेगा एक्सप्रेस वे

खास खबर :दिल्ली से मुंबई तक 1350 किमी एक्सप्रेस वे मार्च 2023 में पूरा होगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और वित्तीय राजधानी, मुम्बई के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। उम्मीद है कि देश-विदेश के निवेशकर्ता राजस्थान से गुजर रहे एक्सप्रेस-वे को आर्थिक-उन्नति का कोरिडोर बना सकते हैं

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ExpressWay : राजस्थान में आर्थिक उन्नति के द्वार खोलेगा एक्सप्रेस वे

ExpressWay : राजस्थान में आर्थिक उन्नति के द्वार खोलेगा एक्सप्रेस वे

के. आर. मुण्डियार
कोटा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Mumbai Express Way ) राजस्थान में खुशहाली व निवेश के द्वार खोलने को तैयार है। देश के छह राज्यों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेस-वे राजस्थान के जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौडगढ़़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार लाने के साथ ही लाखों लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि लेकर आएगा। एक्सप्रेस वे 374 किमी राजस्थान से गुजर रहा है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने एक्सप्रेस-वे ( BharatMala Project ) के मद्देनजर आर्थिक उन्नति की संभावनाओं पर फोकस कर लिया है।


सरकार की ओर से इन्वेस्टमेंट समिट (Invest Rajasthan 2022 Summit ) में देश-विदेश के इन्वेस्टर को राजस्थान में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि देश-विदेश के निवेशकर्ता राजस्थान से गुजर रहे एक्सप्रेस-वे को आर्थिक-उन्नति का कोरिडोर बना सकते हैं। एक्सप्रेस-वे कनेक्टीविटी वाले शहरों में उद्योग व रोजगार की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाएगी।

राजस्थान में यहां इन्टरचेंज प्रस्तावित

एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम वाले एक्सप्रेस-वे (BharatMala Project ) पर जाने का रास्ता हर कहीं नहीं मिलेगा। इंटरचेंज के अनुसार प्रबंधन करने होंगे। राजस्थान में दौसा, कोटा, सवाईमाधोपुर में कुछ निर्धारित जगहों पर इंटरचेंज बनेंगे। जहां से एक्सप्रेस वे से जुड़ सकेंगे। कोटा जिले में तीन जगह इंटरचेंज होंगे। सीमल्या, चेचट और दरा के पास इंटरचेंज प्रस्तावित हैं।

ऐसे आगे बढ़ेगा एक्सप्रेस-वे

-दिल्ली से मुंबई तक कुल लम्बाई का 1350 किमी एक्सप्रेस वे मार्च 2023 में पूरा होगा।
-कोटा-रतलाम-झाबुआ खंड में 250 किमी एक्सप्रेस निर्माण का कार्य नवंबर 2022 में पूरा होगा।

-दिल्ली-दौसा खंड 214 किमी का कार्य मार्च 2022 में ही पूरा हो जाएगा।

राजस्थान को ऐसे मिल सकता है फायदा

एक्सप्रेस-वे राजस्थान में कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और भरतपुर क्षेत्र से गुजरेगा। इसलिए इन जिलों के निवेशक और व्यापारी ज्यादा लाभ ले सकते हैं। जैसे कोटा में सोयाबीन, धान, लहसुन और धनिया का उत्पादन होता है। यहां एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज की संभावनाएं अधिक रहेगी।


मार्केट का विस्तार करना आसान-
उत्पादक फर्म और कोटा के व्यापारी गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली में अपना व्यापारिक नेटवर्क बढ़ा सकते हैं, वहां से माल लाना और भेजना आसान होगा।
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इन क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं-
ग्रामीण क्षेत्र : डेयरी, एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, एथोनॉल उद्योग आदि

नगरीय क्षेत्र : आईटी, आईटी पार्क, बॉयो-टेक्नोलॉजी, औद्योगिक गैस, मेडिकल उपकरण निर्माण, दवा निर्माण।
नवाचार क्षेत्र : स्टार्ट-अप्स, रिसर्च लेबोरेट्रीज एवं एमएसएमई, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माण, ई-चार्जिंग आदि।

इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र : लॉजिस्टिक पार्क, इंडस्ट्रीयल पार्क
सेवा क्षेत्र: चार्जिंग स्टेशन, पेट्रोल पम्प, होटल्स-फूड प्लाजा, दवाओं के लिए कोल्ड चेन, कॉमन यूटिलिटी सेंटर आदि।

ऐसे बनेगा आर्थिक उन्नति का वे-

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और वित्तीय राजधानी, मुम्बई के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। यह एक्सप्रेस-वे क्षेत्र के शहरी केंद्रों को दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना खंड के गलियारे (कॉरिडोर) के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट और मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को एक छोटे संपर्क मार्ग (स्पर) के जरिए जोड़ेगा। साथ ही एक्सप्रेस वे से जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, उदयपुर, चित्तौडगढ़़, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, इन्दौर, भरूच, अहमदाबाद व वड़ौदरा, सूरत शहर भी जुड़ेंगे।

इनका कहना है--
एक्सप्रेस-वे कोटा जिले के विकास के लिए बड़ी संभावनाएं लेकर आया है। निवेशकों को इसका बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। एक्सप्रेस-वे बनने के लिए कोटा देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के निकट होने जा रहा है।

-उज्ज्वल राठौड़, जिला कलक्टर, कोटा

निवेशक और कृषि उत्पादकों को एक्सप्रेस-वे का लाभ लेने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। डेयरी, कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। एक्सप्रेस वे के जरिए कोटा जेएनपीटी से जुडऩे जा रहा है।
-सीताराम पूनिया, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, कोटा