
Fashion designer died in road accident
इंद्रगढ़ माता के दर्शन करने के लिए कोटा से रवाना हुई फैशन डिजाइनर और उनका परिवार केशवरायपाटन के पास सड़क हादसे का शिकार हो गया। सामने से आते ट्रक ने साइड नहीं दी तो उसे बचाने की कोशिश में कार को रोड से जैसे ही नीचे उतारा वह बेकाबू होकर एक पेड़ से टकरा गई। हादसे में कोटा की युवा फैशन डिजाइनर और उसकी भाई की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक परिजन गंभीर रूप से घायल है। जिसे एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं कार में सवार बच्ची समेत दो लोग बाल-बाल बच गए।
अशोक कॉलोनी निवासी शिव छाबडि़या ने बताया कि उनकी 21 वर्षीय बहन स्वाती छाबडि़या, 17 वर्षीय छोटा भाई राजा, पुत्री प्रियांशी और मौसेरे भाई सिंध कॉलोनी निवासी पंकज छाबड़ा अपने दोस्त हितेष वीरवानी के साथ शुक्रवार सुबह 5.30 बजे इंद्रगढ़ माताजी के दर्शन करने के लिए घर से निकले थे। कार पंकज चला रहा था और जब वह करीब एक घंटे केशवरायपाटन थाना क्षेत्र स्थित अरनेठा के पास पहुंचे तो सामने से अचानक एक ट्रक आ गया। पंकज ने सोचा कि ट्रक साइड दे देगा, लेकिन जब ट्रक चालक ने साइड नहीं दी तो वह घबरा गया और कार को टकराने से बचाने की कोशिश में गाड़ी को रोड़ से नीचे उतारने की कोशिश की।
पेड़ से हुई तेज टक्कर
सामने से आते तेज रफ्तार ट्रक से बचने की कोशिश में पंकज ने कार को रोड़ से जैसे ही नीचे उतारा वह बेकाबू हो गई और अनियंत्रित होकर एक पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि उसका बंफर चकनाचूर होने के बाद भी गाड़ी नहीं रुकी और पेड़ से टकराकर पलट गई। जिससे उसमें सवार पांचों लोग घायल हो गए। एक्सीडेंट होते ही राहगीर कार सवारों को बचाने के लिए दौड़े और 108 एंबुलेंस के जरिए उन्हें कोटा के एमबीएस अस्पताल लाया गया। जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने स्वाती व हितेश को मृत घोषित कर दिया। जबकि पंकज की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं राजा व प्रियांशी के मामूली चोट लगी है।
त्यौहार पर छाया मातम
केशवरायपाटन पुलिस ने बताया कि पोस्ट मार्टम के बाद दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए गए। जैसे ही दोनों परिवारों में मृतकों के शव पहुंचे तो हड़कंप मच गया और पूरे मोहल्ले में शोक छा गया। त्यौहार के दिन पूरे इलाके में शोक छा गया। परिजनों ने बताया कि स्वाती छाबडि़या फैशन डिजाइन थी और उसके पिता लक्ष्मीचंद का सब्जीमंडी में छाबडिया साइकिल के नाम से व्यवसाय है। जबकि हितेश की बजाज खाने में कपड़े की दुकान है। वह अपने पिता वीर कुमार के साथ दुकान पर बैठता था।
Published on:
29 Sept 2017 02:32 pm
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