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गोली की तरह सीधे आंखों में घुसी गिल्ली, दो बच्चों की आंख फटी

गांवों में बच्चों को गिल्ली-डंडा खेलना भारी पड़ गया। मशीनगन शॉट की तरह गिल्ली उछलकर सीधे आंखों में चली गई। इससे दो बच्चों की आंख फट गई। इससे दोनों की आंखों की रोशनी चली गई।

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कोटा

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Abhishek Gupta

Jan 20, 2021

गोली की तरह सीधे आंखों में घुसी गिल्ली, दो बच्चों की आंख फटी

गोली की तरह सीधे आंखों में घुसी गिल्ली, दो बच्चों की आंख फटी

केस.1 बारां जिले के शाहबाद तहसील के शूमगरा गांव निवासी 7 वर्षीय बालिका गिल्ली डंडा खेलते समय बांयी आंख में चोट लग गई। जिससे एक बड़ा घाव फु ल थिकनेस कॉर्निया स्क्लेरल टीयर हो गया। टिशु बाहर आ गया। लैंस नष्ट हो गया। विट्रस लोस हो गया। इससे बालिका की दृष्टि बहुत कम हो गई। एमबीएस अस्पताल में डेढ़ घंटे सर्जरी की गई। उसके आंख में टांके लगाए गए। बालिका अभी भर्ती है।

केस.2 बूंदी जिले के आमली गांव निवासी 14 वर्षीय बालक की गिल्ली- डंडा खेलते समय गिल्ली उछलकर उसके सीधे आंख में चली गई। इससे उसकी आंख फट गई। कॉर्निया दो टुकड़ों में हो गया। सवा घंटे उसकी सर्जरी की गई। जिसमें उसकी आंख को संतुलित करने में 24 टांके लगाए गए। आगे उसकी आंख की सोनोग्राफी होने पर लैंस बदले जाएंगे और पर्दे का ऑपरेशन होगा।

कोटा. गांवों में बच्चों को गिल्ली-डंडा खेलना भारी पड़ गया। मशीनगन शॉट की तरह गिल्ली उछलकर सीधे आंखों में चली गई। इससे दो बच्चों की आंख फट गई। इससे दोनों की आंखों की रोशनी चली गई। चिकित्सकों का कहना है कि गिल्ली-डंडा खेलना खतरनाक चीज है, ये बच्चों को नहीं देना चाहिए। बच्चों के खेलते समय भी पास खड़े नहीं होना चाहिए, क्योंकि सीधे गिल्ली आंख पर भी जा सकती है। माता- पिता इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चे नुकीली गिल्ली डंडे जैसे खेल नहीं खेले। जरा सी लापरवाही से बच्चों की रोशनी जाने का खतरा हो सकता है।

- संक्रमण के चलते तुरंत किया ऑपरेशन
एमबीएस अस्पताल में नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जयश्री सिंह ने बताया कि बालिका बारां से रैफ र होकर आई थी। उसका फु ल थिकनेस कॉर्नियो स्क्लेरल टीयर को ऑपरेशन के जरिए रिपेयर किया। बालिका को गिल्ली-डंडा खेलते समय बायीं आंख में चोट लगी। जिससे एक बड़ा घाव फु ल थिकनेस कॉर्नियो स्क्लेरल टीयर हो गया था। जो 3-ओ क्लॉक से 7-ओ क्लॉक तक लिंबस के अनुरूप फैला हुआ था। उसमें यूवियल टिशु बाहर आ गया। उन्होंने यूवियल टिशु को एबसाइज कर कॉर्नियल टियर को 10-0 नायलॉन धागे से, स्क्लेरल एवं कंजेक्टिवा को 6-0 विक्राइल धागे से रिपेयर किया। ऑपरेशन में देरी से आंख में संक्रमण का कारण बन सकती है। इस ऑपरेशन से आंख अपने मूल रुप में आ गई, लेकिन चोट अत्यंत गंभीर होने के कारण रोशनी वापस आने की संभावना बहुत कम है।

आंख के पुतली के दो टुकड़े हो गए
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि बूंदी जिले के आमली गांव निवासी एक 14 वर्षीय बालक के दांयी आंख में गिल्ली उछलकर चली गई। जिससे उसकी आंख के पुतली के दो टुकड़े हो गए। कॉर्निया पूरी तरह से फट गया। आंख से खून की धारा बह निकली। लैंस में चोट से मोतियाबिंद हो गया। लैंस भी अपने स्थान से सरक गया। उसका तुरंत ऑपरेशन कर आंख के फटे हीरे को जोड़ा गया और आंख के लैंस को फिर से उसी स्थान पर लगाया। आंख में 24 टांके लगाए गए। आगे लैंस बदले जाएंगे और पर्दें के ऑपरेशन होंगे।

आंख में कालापानी की शिकायत हो गई
डॉ. जयश्री सिंह ने बताया कि कोटा के आंवली रोझड़ी से एक बालक के भी गिल्ली से आंख में चोट लगी थी, लेकिन उसने आंख बंद कर ली। इससे उसका कॉर्निया बच गया, लेकिन आंख से खून आ गया। इससे उसकी आंख की नसों में दबाव पड़ गया और उसे कालापानी की शिकायत हो गई। हालांकि उसकी आंख देखी तो अंदर कोई चोट नहीं दिखी। उसका भी इलाज चल रहा है।