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देश में मनरेगा की शुरुआत 2006 में हुई थी। कोटा जिले में इसे 2008 में लागू किया गया था। उस समय सारा कार्य कागजों में ही हो रहा था, लेकिन पहली बार इसे पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन किया गया। इससे धरातल पर होने वाले सारे कार्य ऑनलाइन घर व दफ्तरों में बैठे भी देखे जा सकेंगे।
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जॉबकार्ड का नवीनीकरण व अपडेशन होगा
पूरे देश में एक ही तरह के जॉबकार्ड होंगे। इनका भी नवीनीकरण व अपडेशन होगा। जॉबकार्ड का प्रथम कवर पीले रंग का होगा। इस पर ऊपर की तरफ सामान्य श्रेणी की नीली पट्टी व विशेष श्रेणी के लिए हरी पट्टी लगी होगी। यह कवर ग्लोसी पेपर पर ही प्रिंट कराया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होगा।
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पूरे रिकॉर्ड को किया संधारित जिला परिषद में मनरेगा के सहायक अभियंता दिनेश पारेता ने बताया कि गुड गवर्नेंस में सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामसेवक, कनिष्ठ लिपिक, लेखा सहायक, रोजगार सहायक, एमआईएस मैनेजर को जिला स्तरीय रिकॉर्ड संधारण का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद रिकॉर्ड को संधारित किया। प्रत्येक ग्राम पंचायत में जिला स्तरीय अधिकारी लगाकर उक्त संबंधित निरीक्षण व सत्यापन करवाया गया। उसके बाद भी कमियों को पूरा करने के लिए 16 जनवरी से पहले दोबारा निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।Human Angle Story: हे भगवान! जिसने दिया जन्म उसी मां को कोठरी में बंद कर छोड़ा सडऩे-मरने
– फैक्ट फाइल– 2008 में कोटा में शुरू हुई मनरेगा – 155 कोटा जिले में ग्राम पंचायतें
– 1 लाख 57 हजार जॉबकार्डधारी श्रमिक
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जिला परिषद के सीईओ आर.डी. मीणा ने बताया कि कोटा मनरेगा के तहत गुड गवर्नेंस की पहल की जा रही है। प्रत्येक कार्य स्थल पर नागरिक सूचना बोर्ड लगाया जाएगा। ग्राम पंचायतवार मनरेगा का रिकॉर्ड संधारित होगा। जॉबकार्ड नवीनीकरण एवं अपडेशन भी होगा। इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।