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लहसुन खरीद का मामला: सरकार की लेटलतीफी से लुट गए किसान, 19 दिन में 15 करोड़ की चपत

केन्द्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत गत 3 जून को प्रदेश में लहसुन व प्याज की खरीद को हरी झंडी दे दीए लेकिन राजस्थान में सरकार की लेटलतीफी से खरीद शुरू नहीं हो सकी और स्थानीय मंडियों में औने पौने दामों में फसल बेचकर किसान लुट गए। 19 दिन में किसानों ने जो लहसुन बेचा और समर्थन मूल्य के अंतर से ही उन्हें करीब 15 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है।

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जिम्मेदार विभागों तक नहीं पहुंचे राज्य सरकार के आदेश

लहसुन खरीद का मामला: सरकार की लेटलतीफी से लुट गए किसान, 19 दिन में 15 करोड़ की चपत

कोटा. केन्द्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत गत 3 जून को प्रदेश में लहसुन व प्याज की खरीद को हरी झंडी दे दीए लेकिन राजस्थान में सरकार की लेटलतीफी से खरीद शुरू नहीं हो सकी और स्थानीय मंडियों में औने पौने दामों में फसल बेचकर किसान लुट गए। 19 दिन में किसानों ने जो लहसुन बेचा और समर्थन मूल्य के अंतर से ही उन्हें करीब 15 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। इसमें कोटा की भामाशाहमंडी व थोक फल सब्जीमंडी में ही किसानों को करीब 8 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि बारां, बूंदी व झालावाड़ की मंडियों में भी हजारों क्विंटल लहसुन बिका है।

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केंद्र के आदेश जारी होने के बाद किसानों ने कुछ दिन इंतजार किया, लेकिन राज्य सरकार से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण किसानों ने बाजार में कम भाव में उपज बेचने को मजबूर होना पड़ा। राज्य सरकार ने अब लहसुन व प्याज की खरीद को हरी झंडी दे दी। किसानों का कहना है कि यदि अब भी खरीद शुरू करने में देरी की तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।

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19 दिन बाद जागी सरकार
केन्द्र सरकार सेे लहसुन खरीद के लिए 3 जून को स्वीकृति दे दी थीए लेकिन राज्य सराकर ने 19 दिन दिन बाद 21 जून को लहसुन खरीद की घोषणा की है। इस दौरान किसानों ने भामाशाहमंडी में 44 हजार 576 क्विंटल व कोटा थोक फल सब्जीमंडी में 8691 क्विंटल लहसुन बेचा। कोटा की दोनों मंडियों में किसानों ने 53 हजार 267 क्विंटल लहसुन एवरेज भाव 1500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 7 करोड़ 99 लाख 500 रुपए का बिका। यदि घोषणा के साथ ही खरीद शुरू हो जाती तो यही लहसुन सरकारी भाव 2957 रुपए क्विंटल के हिसाब से 15 करोड़ 75 लाख 10 हजार 519 रुपए का बिकता। सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को करीब 7 करोड़ 76 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

यह है सरकारी खरीद दर
राजस्थान में लहसुन 29 हजार 570 रुपए प्रति मीट्रिक टन व प्याज 7780 रुपए प्रति मीट्रिक टन के भाव से खरीदा जाना था। मंडी टैक्स, गोदाम किराया, लोडिंग-अनलोडिंग जैसे खर्चों के लिए लहसुन के लिए 7393 रुपए व प्याज 1945 रुपए प्रति मीट्रिक टन का अलग से प्रावधान किया गया था। राज्य सरकार ने लहसुन की खरीद की 21 जून को घोषणा कर दी है। अब किसानों को खरीद शुरू होने का इंतजार है।

अभी तक लहसुन खरीद के कोई आदेश या गाइड लाइन नहीं मिली है। आदेश मिलते ही खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगा। -गुलाब मीणा, मैनेजर, राजफैड