जीएसटी लागू होने के बाद उसके साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। सफर में चाय पीने के शौकीनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें ट्रेन में एक चाय के 50 रुपए तक चुकाने पड़ेंगे। जीएसटी लागू होने के बाद चाय ही नहीं ट्रेन में खाना खाना और नास्ता करना भी मंहगा हो गया है।
जीएसटी लागू होने के बादे रेलवे की खानपान सेवा पर 18 प्रतिशत तक टैक्स लगेगा। जिसका सीधा असर मुसाफिरों की जेब पर पड़ेगा, क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद ट्रेन में खाने की थाली से लेकर चाय और पानी तक पीना मंहगा हो गया है।
देश में नई कर प्रणाली शुरू होने के के बाद राजधानी, शताब्दी और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में सफर करने वाले मुसाफिरों की जेब पर सबसे ज्यादा मंहगाई की मार पड़ेगी। किराया बढ़ने के साथ ही ट्रेन में खाने से लेकर चाय-नास्ता और पानी तक मंहगा हो गया है।
एसी प्रथम श्रेणी और एक्जक्यूटिव क्लास की कीमतें
वीआइपी ट्रेन में सुबह की चाय की कीमत 12.5 रुपए के स्थान पर जीएसटी लगने के बाद यह 15 रुपये की हो गई। नाश्ते के लिए अभी 81.5 रुपये का भुगतान करना होता था, जीएसटी लगने बाद 81.5 रुपए के बजाय 100 रुपए का भुगतान करना होगा। अभी एसी प्रथम में लंच और डिनर के 129.5 रुपए की जगह जीएसटी के बाद यह राशि बढ़कर 155 रुपये हो गई। शाम की चाय 66.5 के स्थान पर 80 रुपए की हो गई।
एसी द्वितीय, तृतीय श्रेणी और चेयरकार का हाल
ब्रेकफास्ट 66.5 रुपए की जगह 80 रुपए का हो गया है। लंच और डिनर के 112 के स्थान पर 135 रुपए देने होंगे। शाम की चाय के लिए 40 रुपए की जगह अब 50 रुपए चुकाने होंगे। कोम्बो मील के 66.5 रुपए की जगह 80 रुपए देने होंगे।
स्लीपर दूरंतो एक्सप्रेस में भी पड़ेगा असर
इस ट्रेन में सफर करने वाले मुसाफिरों को ब्रेकफास्ट के लिए 34 रुपए की जगह 45 रुपए चुकाने पड़ेंगे। वहीं लंच-डिनर 71 रुपए की बजाय 85 रुपए में मिलेगा। जबकि शाम की चाय 18 रुपए की जगह 25 रुपए की हो गई है।
रेलवे स्टेशन पर मंहगाई की मार
रेलवे स्टेशनों पर बिकने वाला खाना भी जीएसटी की मार से नहीं बच सकेगा। इस पर सरकार ने 12 फीसद की दर से टैक्स लगाया है। नई श्रेणी गतिमान, तेजस और दूसरी टूरिस्ट ट्रेनों में 18 फीसद जीएसटी लगेगा।