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कोटा में इस मुस्लिम परिवार के दिलों में बसता है कौमी एकता का रंग, 30 साल से हिंदू-मुस्लिम साथ खेलते हैं होली

शहर की फिजा में सद्भाव आज का नहीं। अरसे से यहां सुख दु:ख में साथ निभाने की परम्परा है। होली, दीवाली ईद के मौके पर समरसता, सद्भाव की मिसालें कायम होती रहीं है। यकीं नहीं है तो देख लीजिए इस परिवार को।

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कोटा

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Zuber Khan

Mar 03, 2018

कोटा . शहर की फिजा में सद्भाव आज का नहीं। अरसे से यहां सुख दु:ख में साथ निभाने की परम्परा है। होली, दीवाली ईद के मौके पर समरसता, सद्भाव की मिसालें कायम होती रहीं है। यकीं नहीं है तो देख लीजिए इस परिवार को। महावीर नगर विस्तार योजना निवासी मिर्जा रसूल बैग का यह परिवार। ईद का जितना इंतजार यहां होता है, दीपावली और होली का भी।

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महावीर नगर विस्तार योजना सेक्टर 4 निवासी बेग के परिवार के दिलों में होली के रंग बसते हैं। 3 दशक से यहां रह रहे बेग परिवार के युवक राजू तो जैसे होली का इंतज़ार करते हैं। होली के दिन मौहल्ला में साउंड, पानी, गुलाल सबको प्रबन्ध खुद करते हैं । मोहल्ले के लोग यहीं आकर देर शाम तक होली का आनंद लेते हैं। अब तो नई पीढ़ी भी इसी रंग में रंगने लगी है। इस बार भी परिवार के क्या राजू, क्या रऊफ और नन्हें-मुन्ने होली के रंगों में रंगे हुए थे। पूरे मौहल्ले में उने सदभाव को लोग सलाम कर रहे थे।

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राजू बताते हैं कि त्योहार तो जोडऩा सिखाते हैं। त्योहार का मतलब ही खुशियां है। एक दूसरे के साथ खुशियां साझा करो। एक दूसरे के दर्द में भागीदारी बनो। जीना इसी का नाम है। हम होली मनाते हैं तो ईद पर सिवईंया की मिठास दिलों में साथ घुलती है। हमारा पूरा मोहल्ला सुख दुख का साथी है। क्षेत्र के लोग परिवार के सदस्य बताते हैं कि आखिर…ईक नूर के बंदे हम…।