
कोटा .
बच्चों के भविष्य का निर्माण पारिवारिक सुख की कीमत पर नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो बच्चे एकाकीपन महसूस करते हैं। इसकी वजह से छात्रों के बीच आत्महत्या की प्रवृति बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए छोटी उम्र से ही संस्कार के बीज अंकुरित करने होंगे और परिवार के बीच रह कर ही पढ़ाई का माहौल विकसित करना होगा।
भारत विकास परिषद माधव शाखा द्वारा समसामयिक परिवेश में पारिवारिक मूल्य चेतना विषय पर मोदी कॉलेज में आयोजित संगोष्ष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य नंदलाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि परिवार और संस्कार को ठुकराने के बाद रूस का विघटन हो गया। चीन भी इसी रास्ते पर चला। लेकिन बड़ी गलती करने से पहले ही उसे पारिवारिक मूल्यों की समझ आ गई और परिवारों में संस्कार और सभ्यता को बढ़ावा देने का प्रस्ताव जनता के सामने रखा।
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बचाने होंगे संयुक्त परिवार
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संयुक्त परिवारों को बचाने की जरूरत पर जोर दिया। कहा कि परिवार के बिना समाज में उत्थान एवं सम्मान संभव नहीं है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र द्विवेदी ने कहा कि परिवार को टूटने से बचाने के लिए एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव विकसित करना होगा। इस दौरान भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय चेयरमैन संपर्क श्याम शर्मा, माधव शाखा अध्यक्ष किशन पाठक, कोटा महानगर समन्वयक अरविंद गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, केसी गुप्ता और लहरी शंकर गौतम ने भी विचार व्यक्त किए।
Published on:
22 Jan 2018 05:44 pm
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