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कोटा. कोटा-निजामुद्दीन-कोटा जनशताब्दी एक्सप्रेस जिन सुविधाओं के साथ शुरू हुई थी, वो सभी सुविधाएं अब इस ट्रेन के कोच में नजर नहीं आती। पहले अगला स्टेशन आने से पहले ही उद्घोषणा होती थी, लेकिन साधारण कुर्सीयान कोचों में यह उद्घोषणा बंद हो गई। इसके अलावा कोचों में लगा डिस्प्ले सिस्टम भी खराब हो चुका है। इस डिस्प्ले सिस्टम से यह पता चलता था कि अगला स्टेशन कितना किमी दूर है। कई कोचों में सीट के पीछे लगी ट्रे क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कोच भी जर्जर होते जा रहे हैं।
इसके बाद भी समय और करंट आरक्षण की सुविधा के कारण इस ट्रेन के प्रति यात्रियों का आकर्षण कम नहीं हुआ। जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस के समान ही है, लेकिन इसमें बिना वातानुकूलन कोच भी उपलब्ध है। इस कारण इनका किराया शताब्दी एक्स्प्रेस के मुकाबले काफी कम है। कोटा सहित देशभर में करीब 32 जनशताब्दी एक्सप्रेस टे्रनों का संचालन होता है।
कोटा से निजामुद्दीन के बीच जनशताब्दी एक्सप्रेस का 8 स्टेशनों पर ठहराव है। यह ट्रेन औसत 18 कोचों से साथ चलती है। यात्रीभार बढऩे पर दो तीन अतिरिक्त कोच लगाए जाते हैं। ऐसे में कोटा से रोजाना करीब डेढ़ हजार यात्री इसी टे्रन से दिल्ली की ओर यात्रा करते हैं। ऐसे में यह टे्रन महत्वपूर्ण ट्रेनों में से एक है। जब यह ट्रेन शुरू हुई थी, तब इसमें यात्री सुविधाएं बहुत बेहतर थी, इस ट्रेन को आईएसओ प्रमाण मिला हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे सुविधा घटती गई तो आईएसओ का तमगा भी छिन गया। अब मंडल में कोई भी टे्रन आईएसओ प्रमाणित नहीं रही।
ये सुविधा आकर्षित करती है
कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस में आमतौर पर एक दिन पहले कन्फर्म बर्थ मिल जाती है। इसके अलावा सीट खाली होने पर ट्रेन रवाना होने से आधा घंटे पहले तक करंट विंडो पर और आईआरसीटीसी पोर्टल पर टिकट मिल जाता है। इस कारण अचानक प्लान करने वाले यात्रियों के लिए यह अच्छा विकल्प है।
इसके अलावा मथुरा और इससे पहले पडऩे वाले शहर-कस्बों के लोग इस ट्रेन से अप-डाउन भी कर सकते हैं। यह ट्रेन कोटा से सुबह 5.55 बजे रवाना होती है और वापसी में रात 8 बजे कोटा पहुंचती है। कोटा से निजामुद्दीन तक की दूरी 457 किमी है, इस तरह आने-जाने में यह ट्रेन रोजाना करीब 914 किमी दौड़ती है। यह टे्रन करीब डेढ़ दशक पहले शुरू हुई थी। यह ट्रेन 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडऩे की क्षमता रखती है।
जनशताब्दी एक्सप्रेस के कोच काफी पुराने हो गए हैं। मुख्यालय के माध्यम से रेलवे बोर्ड से नए कोच लेने का अनुरोध किया जाएगा।
-यू.सी. जोशी, डीआरएम, कोटा रेल मंडल
Published on:
27 Sept 2018 12:46 am
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