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एक क्लिक पर मिलेगी नर्सरियों में पौधों की जानकारी

- रावतभाटा और बोराव नर्सरी हुई ऑनलाइन - कौन से पौधे कितने उपलब्ध अपडेट रहेगी जानकारी

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एक क्लिक पर मिलेगी नर्सरियों में पौधों की जानकारी

एक क्लिक पर मिलेगी नर्सरियों में पौधों की जानकारी

रावतभाटा (कोटा). रावतभाटा और बोराव नर्सरियों में पौधों की जानकारी अब केवल एक क्लिक पर ही मिल जाएगी। वन विभाग की ओर से जिले की सभी नर्सरी अब ऑनलाइन है। नर्सरी में कौन से पौधे कितने उपलब्ध है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी। इससे पौधा लेते समय नर्सरियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। चित्तौड़गढ़ के उप वन संरक्षक विजय शंकर पांडे ने बताया कि वन विभाग की ओर से पूरे साल पौधे तैयार किए जाते है, लोग नर्सरी में अपनी पंसद के पौधे खरीदने के लिए जाते है। यहां पर सरकार की ओर से निर्धारित दर पर ही पौधा मिलता है। इसके कारण पर्यावरण प्रेमी और आमजन सरकारी नर्सरी से पौधे खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि नर्सरी तक जाने के बाद पता चलता है कि पौधे तो है नहीं, इससे बचने के लिए अब ऑनलाइन पहले ही पता किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि अब वन विभाग की नर्सरी में उपलब्ध पौधों के स्टॉक की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहती है। सीजन के समय जब पौधारोपण शुरू होता है, उससे पहले स्टॉक ऑनलाइन अपडेट कर दिया जाता है। वितरण के साथ ही रीयल टाइम जानकारी भी उपलब्ध करवाते रहते हैं। एक जुलाई से सितंबर तक का समय वितरण का मानते हैं। इसके बाद भी लगातार इक्का-दुक्का पौधे लोग लेकर जाते रहते हैं।

ऑनलाइन फोरेस्ट नर्सरी सर्विस

नर्सरी की जानकारी वन विभाग की वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगी। यहां होम पेज ओपन करने के बाद नर्सरी वाले सेक्शन में जाकर पौधों की उपलब्धता और किस्म की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। जिलों के नर्सरी के पौधों की पूरी जानकारी ऑनलाइन फोरेस्ट नर्सरी सर्विस पर दी गई है।

चित्तौड़ जिले में 28 नर्सरी

जिले में कुल 28 नर्सरी हैं। सभी की जानकारी ऑनलाइन फोरेस्ट नर्सरी सर्विस पर उपलब्ध है। यहां से लगभग 91 तरह के पौधे उपलब्ध होते है। लेकिन कितने उपलब्ध है, यह केवल एक क्लिक पर मिल जाएगा। रावतभाटा, बोराव, सेमलपुरा, हथनी ओदी, परसोली, मंगलवाड़, निम्बाहेड़ा, कपासन और साँवलियाजी में बड़ी नर्सरिया है।

पर्यावरण प्रेमी और आमजन के लिए उपयोगी

ऑनलाइन जानकारी मिलने से लोगों को काफी फायदा होगा। जबकि पहले विभाग की नर्सरी तक जाना पड़ता था। अब ऐसा करने की जरूरत नहीं रहेगी, पहले ही पता करके पौधों की जरूरत और उपलब्ध के अनुसार नर्सरी से खरीदा जा सकेगा। इससे पर्यावरण प्रेमी और आमजन को फायदा होगा।

इस संबंध में चित्तौड़गढ़ उपवन संरक्षक विजय शंकर पांडे ने बताया कि रावतभाटा और बोराव समेत जिले की नर्सरियों की सूचना अपडेट की जा रही है। सूचना अपडेट होते ही अपलोड कर दी जाएगी, प्रक्रिया चल रही है।