
सुष्मिता चौधरी
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/कोटा। Chandrayaan-3 Landing Successful: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में कोटा की बेटी का भी अहम योगदान है। कोटा के श्रीनाथपुरम निवासी सुष्मिता चौधरी की लॉन्च व्हीकल की ट्रेजेक्टरी को डिजाइन करने वाली टीम में महत्वपूर्ण भूमिका रही। चन्द्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होने पर सुष्मिता के पिता एनके चौधरी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि यह देश के लिए गौरव की बात है।
चन्द्रयान-3 की सफलता में इसरो टीम में शामिल सभी वैज्ञानिकों ने अच्छा काम किया। उन्होंने बताया कि वे कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र के सलोनिया गांव निवासी हैं। उनका परिवार कोटा के श्रीनाथपुरम में रहता है। उनकी रेलवे में जॉब होने के कारण वे फिलहाल मुंबई में हैं। गर्व है कि हमारी बेटी देश के इस मिशन का हिस्सा है। मां और बहनों ने भी खुशी जताते हुए गर्व जताया।
सुष्मिता का बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना था। सुष्मिता ने 40 दिन पहले बताया कि था कि हमारा देश और इसरो सफलता की नई कहानी लिखेगा और पूरी दुनिया हमारी तरफ देखेगी और आज देश ने सफलता की नई कहानी लिख दी। आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है।
कोटा में हुई पढ़ाई: सुष्मिता की कोटा में 7वीं से 12वीं तक श्रीनाथपुरम स्थित एक स्कूल में पढ़ाई हुई। इसके बाद कोटा में ही आईआईटी की तैयारी के लिए कोचिंग ली। साल 2014 में आईआईटी में सलेक्शन हुआ। आईआईटी मंडी हिमाचल में इलेक्ट्रिकल ब्रांच मिली। 2018 में आईआईटी कंप्लीट होने के साथ ही कॉलेज कैंपस में इसरो की टीम आई थी।
Published on:
24 Aug 2023 12:11 pm
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