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मछली की आंख की तरह दिखने लगा, कोटा का ये चौराहा

एरोड्राम सर्किल से सटे क्षेत्रों को भी सुन्दर स्मारकों से सजाया जा रहा है। एरोड्राम सक्रिल पर तीन अलग-अलग टावर 50 मीटर, 40 मीटर और 25 मीटर ऊंचाई के बनाए जाएंगे।

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कोटा. शिक्षा के क्षेत्र में देश-दुनिया में ख्याति प्राप्त करने के बाद अब कोचिंग सिटी विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है। स्मार्ट सिटी कोटा में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहां इन दिनों विकास कार्य नहीं हो रहे हों। छोटे-बड़े कई विकास कार्य शहर में चल रहे हैं। कुछ जल्द पूरे होने वाले हैं। इनमें एरोड्राम सर्किल पर अंडरपास भी शामिल है। इसके पूर्ण होने के बाद शहरवासियों को न सिर्फ जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि उन्हें चौराहे पर भी नहीं रुकना पड़ेगा। इससे समय की बचत होगी और आने जाने का एक विशेष अनुभव होगा। यह चौराहा मछली की आंख की तरह दिखने लगा है। कोटा में पिछले दो साल में कई बदलाव आए हैं। एरोड्राम चौराहे पर 50 करोड़ की लागत से अंडरपास एवं अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं। एरोड्राम सर्किल को नया आकर्षक लुक देने के लिए टावर ऑफ लिबर्टी के तीन टॉवर लगाए जाएंगे। इन्हें राजस्थानी और हाड़ौती के वास्तुशिल्प के साथ बनाया जा रहा है। एरोड्राम सर्किल से सटे क्षेत्रों को भी सुन्दर स्मारकों से सजाया जा रहा है। एरोड्राम सक्रिल पर तीन अलग-अलग टावर 50 मीटर, 40 मीटर और 25 मीटर ऊंचाई के बनाए जाएंगे। टावर के शीर्ष पर सुनहरे पीतल के धातु की चादरें प्रज्जवलित लौ का आभास देगी। टावर को लबी दूरी से देखा जा सकेगा,जो देखने वालों को आकर्षित करेंगे।