
#sehatsudharosarkar: सेहतमंद रहना है तो दिल से करें दिल की हिफाजत
अव्यवस्थित जीवन शैली और असंतुलित खानपान के चलते दुनियाभर में हृदय रोग के पीडि़तों की संख्या तेजी से बढ़ी है। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने का मौका नहीं मिलता। चिकित्सकों के अनुसार, हृदय रोग किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। महिलाओं में हृदय रोग की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, लेकिन अब युवा भी इसके शिकार होने लगे हैं। अटैक का प्रमुख कारण गेहूं व तैलीय चीजों का सेवन करना प्रमुख रहा है। प्रत्येक वर्ष 29 सितम्बर को मनाए जाने वाला विश्व हृदय दिवस लोगों में यह भावना जागृत करता है कि वे हृदय के प्रति सचेत रहे।
हर साल एक करोड़ लोग हृदय की बीमारी से ग्रस्त
कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. पुरूषोत्तम मित्तल ने बताया कि भारत में हर साल एक करोड़ लोग हृदय की बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। इनमें से कई लोगों की मौत हो जाती है। यह सिलसिला साल दर साल बढ़ रहा है। इनमें 10 प्रतिशत मधुमेह, 40 वर्ष से अधिक आयु में 11 प्रतिशत हृदय व शहरी क्षेत्र में उच्च रक्तचाप के 35 प्रतिशत मरीजों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।
हृदय रोग के कारण
कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. साकेत गोयल ने बताया कि हृदय को रक्त पहुंचाने के लिए जिम्मेदार ब्लड वेसल में खून के थक्के जम जाते हैं। इससे हार्ट अटैक होता है। अक्सर हार्ट अटैक के केस में देखा जाता है कि जानकारी की कमी के कारण इस स्थिति से निपटने में देर हो जाती है, जो हदय को होने वाले नुकसान को और बढ़ा देती है। पहले जहां 30 से 40 वर्ष के लोगों को दिल की बीमारी होती थी, लेकिन अब 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी होने लगी हैं।
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एेसे करें दिल की देखभाल
कम से कम आधा घंटे व्यायाम करें। संतुलित व पोष्टिक आहार पर ध्यान दें। गेहूं के उपयोग में कमी करें। नमक का सेवन कम करें। भोजन में कम वसा वाले आहार ग्रहण करे। ताजी सब्जियां और फ ल का सेवन अधिक करें। तम्बाकू व मादक पदार्थों से दूरी बनाएं रखें। घंटों तक एक ही स्थिति में बैठना हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। साइकिलिंग, तैराकी व मॉर्निंग वॉक स्वास्थ्य के लिए बेहतर। रोजाना 7 घंटे की नींद लें। प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीएं।
Published on:
29 Sept 2017 04:39 pm
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