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स्मार्ट सिटी कोटा: गंदगी फैलाने वालो की बजानी होगी दिमाग की घंटी

जागरूगता और प्रयासों में कमी नहीं, जरूरत बस उन्हें टोकने की है जो सफाई पर फेरते हैं 'पानी'। शहर की दो तस्वीरें देखिए।

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कोटा

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ritu shrivastav

Sep 27, 2017

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स्मार्ट सिटी कोटा: गंदगी फैलाने वालो की बजानी होगी दिमाग की घंटी

शहर में स्वच्छता के प्रति जागरूक लोगों की कमी नहीं है। उनके प्रयास भी अथक हैं लेकिन कुछ लोगों की अनदेखी इस मुहिम पर पानी फेर रही है। इसके अलावा नगर निगम की ओर से घर-घर कचरा संग्रहण के लिए तीन-चार बार टेंडर किए गए, लेकिन कोई भी निजी कंपनी इसके लिए आगे नहीं आ रही है। यही कारण है शहर के कई वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू नहीं हो पा रही है।

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जागरुकता और अनदेखी के कारण पसरी गन्दगी

'शहर स्वच्छ, तो हम स्वस्थ' अभियान के तहत राजस्थान पत्रिका ने मंगलवार को विभिन्न इलाकों में पड़ताल की तो दोनों ही तस्वीरें दिखीं, सफाई के प्रति जागरुकता और अनदेखी के कारण पसरी गन्दगी। निगम की जिम्मेदार टीम कहीं मुस्तैदी से काम करती नजर आई तो कहीं कमियां-खामियां भी दिखीं। शहर पूरी तरह साफ रहे, इसके लिए जरूरी है कि हाथ से हाथ मिलें। हर हाथ सफाई के लिए उठे, गन्दगी फैलाने के लिए नहीं।

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दिखती है यह स्थिति भी

कचरा संग्रहण के लिए घर के बाहर तक वाहन आ रहे हैं लेकिन कई लोग अब भी महज आलस के कारण उनमें कचरा नहीं डाल रहे। ऐसे लोग बाद में मुंह छुपाकर कचरा डिपो या खाली भूखण्डों में कचरा फेंकते हैं। बाहरी इलाकों में ऐसा ज्यादा हो रहा है। कई व्यापारियों ने प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग बंद नहीं किया है। इनमें ज्यादातर थड़ी-ठेले वाले शामिल हैं। चोरी-छुपे पॉलीथिन में सामान दे रहे हैं। कई जगह लोग खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) में सहयोग नहीं कर रहे, खुले में शौच जा रहे हैं। खासकर डीसीएम क्षेत्र, अनन्तपुरा क्रेशर बस्ती, बालिता समेत कई बस्तियों में ऐसा हो रहा है।

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एक नजर इधर भी

शहरी आबादी में डेयरी प्रतिबंधित है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में गाय, भैंस को घरों में बांधा जा रहा है। इन्हें सुबह होते ही सड़क पर खुला छोड़ देते हैं जिनसे सड़क पर गंदगी फैल रही है। उद्यानों में जाने वाले कई लोग गंदगी फैला रहे हैं, जबकि वहां कचरा पात्र रखे हुए हैं। कई लोग तो अपने पालतू जानवरों को भी उद्यान में ला रहे हैं। वहीं गंदगी की जा रही है। समस्या यह भी आ रही है कि स्थाई सफाईकर्मी निर्धारित कॉलोनियों में हर दिन सफाई नहीं कर रहे।

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स्वच्छता की दिशा में ये नजीर

शहर के वार्ड 22, 39, 53 व 54 में घर-घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था कर रखी है। यहां हुपर रिक्शा लेकर आता है। लोग घरों से बाहर निकलकर कचरा रिक्शे में डाल देते हैं। शहर के इंदिरा विहार, राजीव नगर समेत कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बावजूद सफाई नहीं है। छावनी चौराहे पर फ्लाइओवर के नीचे आदर्श कचरा पाइंट विकसित किया गया है। निजी कोचिंग की ओर से आधुनिक डस्टबिन रखे और बैठने के लिए बैंच भी लगाई।

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बाजार से समाज तक, बढ़ रही जागरूकता
अब लोग घर का कचरा डस्टबिन में एकत्र करते हैं, फिर निर्धारित कचरा पात्र या कचरा परिवहन वाहन में डालते हैं। दो कचरा पात्र रखकर कचरे का पृथक्करण भी कर रहे हैं। यानी गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करते हैं ताकि कचरे का भी आसानी से उपयोग हो सके। चारदीवारी में व्यापारी इस पर बेहतर काम कर रहे हैं। पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह वर्जित। कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान पर पॉलीथिन प्रतिबंध के बैनर-स्लोगन लगा दिए हैं। लोगों से कपड़े का थैला लाने के लिए कहते हैं।

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यह है शहर की स्थिति

संत निरंकारी मंडल रविवार को रेलवे स्टेशन क्षेत्र में स्वच्छता के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए सफाई अभियान चलाता है। यहां प्रतिदिन मंडल के सदस्य दो घंटे लगातार सड़कों की सफाई करते हैं तथा आसपास सफाई के लिए लोगों को संदेश देते हैं। एक दर्जन वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण शुरू किया गया है। इसमें लोग खुद ही आगे आएं हैं। वार्डवासी कचरा संग्रहण करने वाले को राशि देते हैं। 65 वार्ड है, 12 में शुरू हो चुका है घर-घर कचरा संग्रहण। 7 8 प्रतिशत हिस्से में अब भी कचरा संग्रहण में दिक्कत। 5 लाख रूपए तक जुर्माना गंदगी फैलाने वालों पर लगाया जा चुका है। 500 किलो पॉलीथिन नगर निगम की टीम ने पिछले तीन माह में जब्त की।