किडनी अंदर ही थी, परिजनों ने बना डाला वीडियो
अस्पताल प्रशासन बोला. बिल चुकाने से बचने के लिए परिजनों ने प्लान कर बनाया वीडियो, किया हंगामा

कोटा में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर अचानक परेशानी में आ ग़्ाए, जब हादसे में मृतक के परिजनों ने यह आरोप लगा कर हंगामा कर दिया कि मृतक के एक गुर्दे को निकाल लिया गया है। जवाहर नगर थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में शुक्रवार देर रात को जमकर हंगामा हुआ। सड़क हादसे में घायल मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। पुलिस की मौजूदगी में देर रात 2 बजे के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने कहा कि मरीज की मौत के बाद उसकी किडनी निकाली गई। परिजनों का परिवाद लेकर पुलिस ने उनकी समझाइश की। जिसके बाद मामला शांत हुआ। इधर पुलिस ने कहा कि शनिवार को पोस्टमार्टम में हंगामा करने वालों के आरोप गलत निकले। मरीज के शरीर में किडनी मौजूद है। वहीं अस्पताल के निदेशक ने कहा कि हमारी बदनामी करने के लिए मरीज के परिजनों ने हंगामा किया।अस्पताल प्रशासन ने भी पुलिस में शिकायत की है। महावीर नगर निवासी बाबूलाल बैरवा शुक्रवार को कैथून इलाके में एक सड़क हादसे में घायल हो गए। गंभीर घायल अवस्था में उन्हें तलवंडी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिर में घातक चोट के कारण बाबूलाल की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने बाबूलाल की मौत के बाद किडनी निकाल ली। इसके बाद माहौल गरमा गया और पुलिस बुलानी पड़ी। जवाहर नगर सीआई मनोज सिकरवार भी मौके पर पहुंचे और परिजनों से परिवाद लेकर कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। पुलिस ने उन्हें आश्वस्त किया कि मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इस दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
न्यूक्लियर पावर प्लांट की सुरक्षा में लगी सेंध...अंधेरे के समय नाव में बैठकर....
पोस्टमार्टम में सबकुछ साफ हो गया:
पुलिस बाबूलाल की मौत के बाद परिजनों ने परिवाद दिया था कि अस्पताल प्रशासन ने शव से किडनी निकल ली। शुक्रवार रात को परिवाद लेकर शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए आश्वस्त किया था। सड़क हादसे का मामला कैथून थाने का था। शनिवार को कैथून पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया। इसमें साफ हो गया कि किडनी निकालने जैसा कुछ नहीं है। हम फिर भी परिवाद की जांच कर रहे हैं। मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
मनोज सिकरवार, सीआई, जवाहर नगर थाना
अस्पताल प्रशासन बोला. बिल चुकाने से बचने के लिए परिजनों ने प्लान कर बनाया वीडियो, किया हंगामा
किडनी निकालना कोई बच्चों का खेल नहीं हैं। जो 5 मिनट में निकाल जाए। पेट में चीरा इसलिए लगाया गया था क्योंकि सिर की हड्डी को हमने पेट की चमड़ी के नीचे सुरक्षित रखा था। जिसे एक साल बाद होने वाले आपरेशन के बाद वापस सिर में लगाना होता हैं। जब भी ऐसे मामले आते है। हम हर केस में ऐसा करते हैं। परिजनों की उपचार का बिल चुकाने की बारी आई तो यह सब ड्रामा किया गया। मरीज के ट्रीटमेंट व अन्य खर्चों के कुल रुपए 85 हजार बने थे। जिसमें से 50 हजार परिजनों ने जमा भी करवा रखे थे। जब मृत्यु हो गई तो परिजनों ने 35 हजार रुपए देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद यह सब प्लान करके हमारी व हमारे अस्पताल और ब्रांड की बदनामी करने के लिए किया गया हैं। वीडियो बनाया वायरल करवा दिया। हमारी बदनामी करने और झूठा प्रचार करने के लिए अब हमने जवाहर नगर पुलिस को मामले में परिवाद देकर परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया हैं।
आरके अग्रवाल,अस्पताल निदेशक
अब पाइए अपने शहर ( Kota News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज