
कोटा . शिक्षा विभाग ने कोटा संभाग के दस स्कूलों का पब्लिक पाइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मोड पर संचालन के लिए चयन किया है। योजना में प्रदेश के तीन सौ स्कूल शामिल किए हैं। चयनित सभी सरकारी स्कूल अगले शैक्षणिक स्तर में पीपीपी मोड पर चलेंगे। इनमें चार स्कूल झालावाड़, चार बूंदी व एक बारां व एक कोटा जिले का स्कूल शामिल है। सरकार ने आदर्श स्कूलों को पीपीपी मोड से दूर रखा है, लेकिन उनके समीप वाले स्कूलों को इसमें शामिल किया। चयनित स्कूलों में मिड डे मील सहित सभी योजनाएं पूर्ववत चलेंगी। अभिभावक-विद्यालय विकास समिति के माध्यम से ही अन्य निर्णय किए जा सकेंगे। छात्रों को पहले की तरह पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
प्राइवेट पार्टनर लगाएंगे कार्मिक
सरकार इन स्कूलों में प्राइवेट पार्टनर कार्मिक लगाएंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद इन स्कूलों की नोडल एजेंसी होगी। प्राइवेट कम्पनी व राज्य सरकार के बीच दस साल का करार होगा जो आगे बढ़ाया जा सकेगा। एग्रीमेंट के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनेगी इसमें जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट, सरकारी व निजी स्कूल के प्रिंसिपल शामिल होंगे। स्कूलों में अभी लगे कार्मिक अन्यत्र स्थानांतरित किए जाएंगे।
शिक्षकों में खलबली
स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने के निर्णय से शिक्षकों में खलबली है। शिक्षा व्यवस्था निजी हाथों में जाने से रोजगार के अवसर कम होंगे। शिक्षक पदों में कमी आएगी।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष रामेश्वर सामरिया ने बताया कि सरकार शिक्षा को नीलाम करने जा रही। बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संघ ने स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने का विरोध का बिगुल बजा दिया है।
ये विद्यालय है प्रस्तावित
जिला ब्लॉक स्कूल
कोटा इटावा रासीसै सिनोथ
बारां अटरू रासीसै स्कूल देवली
बंूदी हिण्डोली रासीसै होलासपुरा
बूंदी नैनवां रासीसै सुनथाली
बूंदी नैनवां रासीसै रेटोदा
बूंदी नैनवां रासी स्कूल कैथूदा
झालावाड़ डग जीएसएस सकारिया
झालावाड़ डग जीएसएस सकारिया
झालावाड़ डग जीएसएस नूतन स्कूल
झालावाड़ मनोहरथाना जीएसएस पाचाहेड़ा
माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक रामस्वरूप मीणा ने बताया कि कोटा संभाग में पीपीपी मोड पर स्कूलों को देने की संख्या कम है। हालांकि अभी सूची नहीं आई है, एक-दो दिन में आएगी।
Published on:
14 Dec 2017 11:28 am
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