
कोटा .
पार्कों में लगे झूले, फिसलपट्टी केवल चारदीवारी से घिरे लोहे के संसाधन मात्र नहीं होते, इनके अंदर जीवन हंसता-खिलखिलाता है। तरह-तरह की बातें करता है। यहां लगे झूलों से गिरना, उठना और फिर दौड़कर वापस झूलना, यही तो है वो सब जो जिंदगी भर याद रहता है। इनसे गिरकर भी बचपन रोता नहीं, बल्कि मुस्कुराता है। बच्चों का ये अधिकार शहर के पार्कों के विकास के लिए जिम्मेदार लोग छीन रहे हैं।
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उनके लिए लगाए गए झूले व फिसल पट्टी सहित कई खेलने के साधन टूटे पड़े हैं। शुरुआती कक्षाओं के बच्चों की परीक्षा खत्म होने के साथ ही पार्क में बच्चों की अठखेलियां शुरू होने लगी हैं, तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों के एग्जाम एक दो दिन में खत्म होने को हैं, लेकिन उनके दोस्त पार्क और उनमें लगे झूले-फिसलपट्टी टूटी-फूटी हालत में आसूं बहाते हुए इन बच्चों के लिए बाहें फैलाए खड़े हैं। ख्यातनाम सीबी गार्डन, गोपालनिवास बाग, जैन दिवाकर पार्क सहित शहर के अनेक पार्कों में बच्चों के लिए लगाए गए झूलों की स्थिति बेहद खराब है।
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घायल हो सकते हैं बच्चे
सीबी गार्डन में लगे करीब आधा दर्जन से अधिक झूले व फिसल पट्टी जगह-जगह से टूट और कटे पड़े हैं। इनसे बच्चों के घायल होने का अंदेशा बना रहता है। इस पार्क में झूला पट्टी, छोटी कुर्सी झूला, फिसल पट्टी, झूलों के बेरिंग, झूलों पर बैठने वाली रबड़ पट्टी, लोहे की चेन सहित कई हिस्से क्षतिग्रस्त हैं। गोपाल निवास बाग व जैन दिवाकर पार्क में भी यही हाल हैं। कई झूलों को तो इन पार्क से खराब होने के चलते हटा दिया गया है।
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रोज 300 से अधिक बच्चे आते हैं
सीबी गार्डन व गोपालनिवास बाग में प्रतिदिन करीब 300 से अधिक बच्चे अपने माता-पिता के साथ झूलों में झूलने का मजा लेने की इच्छा लिए आते हैं। साथ ही करीब एक हजार से अधिक लोग यहां प्रतिदिन घूमने आते हैं। ये संख्या गर्मियों की छुट्टियों में और बढ़ जाती है।
यूआईटी अध्यक्ष आरके मेहता ने कहा कि यूआईटी के पार्कों में झूले टूटे हैं तो उन्हें दिखवाया जाएगा और शीघ्र ही सही कराया जाएगा।
नगर निगम उद्यान प्रबंध समिति अध्यक्ष विनोद नायक ने कहा कि नगर निगम के अधीन करीब 180 पार्क हैं, इनमें डेढ़ साल से कोई कार्य नहीं हुआ है। अब 1 अप्रेल से सभी पार्कों में कार्य शुरू कराया जाएगा। झूले भी ठीक कराएंगे।
Updated on:
16 Mar 2018 01:10 pm
Published on:
16 Mar 2018 01:02 pm
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