शहर में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद नाले उफान पर आए और अब नालों की स्थिति देखकर दंग रह जाते हैं। नालों के पेड व चैनल पर पॉलीथिन का अम्बार लगा हुआ है। निगम अब नालों से पॉलीथिन हटाने में लगा हुआ है। दशहरा मेले में भी यही स्थिति हो जाती है। पॉलीथिन का उपयोग होने के कारण नालियां जाम हो जाती हैं। इस कारण गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है।
इससे मेले में आने वाले लोगों के साथ व्यापारियों को भी परेशानी होती है। निगम प्रशासन और मेला समिति सदस्य भी चाहते हैं कि दशहरा मेले में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो। इसके लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। व्यापारियों को भी पॉलीथिन कैरी बैग का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
पत्रिका अपील : इको फ्रैंडली भरे दशहरा मेला राजस्थान पत्रिका ने पहल की है कि इस बार राष्ट्रीय दशहरा मेले में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो। दशहरा मेला इको फ्रैंडली भरे। प्रतिबंधित पॉलीथिन कैरी बैग्स का इस्तेमाल नहीं करने तथा इको फ्रैंडली मेला आयोजित करने के लिए निगम के साथ मिलकर जागरूकता की मुहिम चलाई जाएगी, ताकि मेले में पॉलीथिन कैरी बैग का उपयोग नहीं हो।
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पत्रिका की यह मुहिम सराहनीय है। इस बार दशहरा मेला इको फ्रैंडली भरे, इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे। पॉलीथिन कैरी बैग की जगह क्या विकल्प हो सकता है। इस पर चर्चा कर रहे हैं।
– कीर्ति राठौड़, मेला अधिकारी
– कीर्ति राठौड़, मेला अधिकारी
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सिंगल यूज प्लास्टिक का मेले में उपयोग नहीं हो, इस पर चर्चा की गई है। दशहरा मेले में पॉलीथिन का उपयोग नहीं हो, इसके लिए पत्रिका का जागरूकता अभियान अच्छी पहल है। इसके निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे।
सिंगल यूज प्लास्टिक का मेले में उपयोग नहीं हो, इस पर चर्चा की गई है। दशहरा मेले में पॉलीथिन का उपयोग नहीं हो, इसके लिए पत्रिका का जागरूकता अभियान अच्छी पहल है। इसके निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे।
– राममोहन मित्रा, अध्यक्ष मेला समिति