
शहर के 32 पार्षदों का कम्प्यूटर से कभी नहीं पड़ा वास्ता
कोटा . नगर निगम प्रशासन की ओर से पार्षदों को हाईटैक करने के लिए लैटपॉट दिए जा रहे हैं, लेकिन आधे से ज्यादा पार्षदों को कम्प्यूटर तक चलाना नहीं आता है। अभी तक 'की-बोर्ड पर अंगुली तक नहीं चलाई है। सवाल खड़ा हो रहा है कि बिना प्रशिक्षण के कैसे लैपटॉप चलाएंगे। हालांकि पार्षद लैपटॉप लेकर खुश हैं। लैपटॉप को लेकर पत्रिका ने पार्षदों से बातचीत की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। ३२ पार्षदों ने कम्प्यूटर कभी काम ही नहीं किया। उनका कहना है कि लैपटॉप ले लेंगे, लेकिन कोई उपयोग नहीं आएगा। बच्चों के काम आएगा। कुछ पार्षदों का कहना है कि बिना ट्रेनिंग के लैपटॉप का कोई उपयोग नहीं आएगा।
लगता है स्मार्ट ऑफिस
करीब एक दर्जन पार्षदों ने वार्ड में ऑफिस खोल रखा है। जहां पार्षद प्रतिनिधि कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं। कम्प्यूटर, फोटोस्टेट आदि मशीनें लगा रखी हैं। उप महापौर सुनीता व्यास, पार्षद विवेक राजवंशी, बृजेश शर्मा नीटू, गोपालराम मंडा, राम मोहन मित्रा, दिलीप पाठक, प्रकाश सैनी, अनिल सुवालका, महेश गौतम लल्ली, देवेन्द्र चौधरी, राखी गौतम आदि ने वार्ड में कार्यालय खोल रखे हैं।
वार्ड 21 की पार्षद बादाम बाई ने कहा कि अभी तक कम्प्यूटर नहीं चलाया है, अब कैसे सीखेंगे। लैपटॉप पोते-पोती चला लेंगे। धीरे-धीरे उनसे सीखने का प्रयास करूंगी, लेकिन बहुत मुश्किल है। निगम फ्री दे रहा है, इसलिए लैपटॉप ले रहे हैं। इसका कोई उपयोग नहीं है। वार्ड 6 के पार्षद रामलाल भील ने कहा कि लैपटॉप क्या अभी तक तो कम्यूटर भी नहीं चलाया है। इस उम्र में लैपटॉप चलाना नहीं सीख सकते हैं। हमारे लिए तो इसका कोई उपयोग नहीं है। क्यों लैपटॉप दे रहे हैं, यह भी निगम वाले नहीं बता रहे हैं।
वार्ड 15 के पार्षद अतुल कौशल ने बताया कि यदि सभी पार्षद कम्प्यूटर में दक्ष होते तो लैपटॉप उपयोगी साबित होता, लेकिन आधे पार्षदों को तो कम्प्यूटर का बेसिक ज्ञान तक नहीं है। निगम को लैपटॉप देने ही थे तो बोर्ड बनते ही पार्षदों को ट्रेनिंग देते और फिर लैपटॉप देते तो शायद काम आते। वार्ड 7 की शकुंतला बैरवा ने कहा कि एक-दो बार कम्प्यूटर चलाया था, अब लैपटॉप मिल रहा है तो बच्चों से सीख लेंगे। सीधे-सीधे कम्प्यूटर पर काम
सीखे जाएंगे तो आसानी होगी।
म्हानै तो कदी लैपटॉप चलाया ही कोईने
वार्ड 2 केपार्षद राकेश पुटरा ने कहा कि लैपटॉप देबा की तो फोकटी बातां छै। म्हानै तो कदी लेपटॉप चलाया ही कोईने। कस्यां ऊ चालू होवे छै। अगर चालू कर भी ल्यां तो बंद करणी न आवे। पार्षदां के ताई लैपटॉप दे तो द्या। पण अधिकांश पार्षद यां के ताई काम ही न लेवेगा। वां का छोरां-छोर्यां के खेलबा मं काम आवेगा। छोरा-छोरी दन भर गेम खेलेगा। शहर में डेंगू सूं लोग मर र्या छै। लेपटॉप की बजाय सफाई कराबा सम्बंधी कोई मशीन देता तो लोगां के काम आती। म्हनै तो महापौर सूं कह दी की जनता के ताई ई सूं कोई लाभ न मलेगो।
इधर चली अंगुलियां
वार्ड 54 के पार्षद विवेक राजवंशी काफी समय से लैपटॉप का उपयोग कर रहे हैं। वार्ड में स्मार्ट समाधान केन्द्र खोल रखा है। लैपटॉप में वार्ड का प्रत्येक डाटा है। वार्ड की हर समस्या कम्प्युटर में दर्ज की जाती है। उसके समाधान का संदेश में भी भेजा जाता है।
वार्ड 28 के पार्षद गोपाल राम मण्डा ने कहा कि लैपटॉप देना अच्छा प्रयास है, इससे पार्षद के पास पूरी जानकारी रहेगी। अभी कम्प्यूटर चला रहे थे, एक-दो दिन में लैपटॉप पर भी काम शुरू कर देंगे। निगम को इसके लिए ट्रेनिंग देनी चाहिए।
Published on:
05 Oct 2017 02:48 am
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