प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगर निगम की ओर से पट्टे जारी करने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन इसकी पोल शुक्रवार को कोटा उत्तर निगम की हुई बोर्ड बैठक में सत्ता पक्ष के पार्षदों ने ही पोल खोल दी। भाजपा के अलावा कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम में बिना लेन-देन के पट्टे नहीं बन रहे हैं। कर्मचारी फाइलें ही गायब कर देते हैं। पार्षद वार्ड के लोगों की फाइलें ढूंढकऱ देते हैं। दलालों के माध्यम से फाइल लगाते हैं तो बिना चक्कर लगाए पट्टे जारी हो जाते हैं।
बोर्ड बैठक में भाजपा व कांग्रेस पार्षदों ने निर्माण कार्यों व पट्टों को लेकर जमकर हंगामा किया। डेढ़ घंटे चली बोर्ड बैठक में बार-बार हंगामा होता रहा और हंगामे के बीच ही गत बोर्ड बैठक की पालना रिपोर्ट का अनुमोदन किया गया। बैठक में सफाई व्यवस्था को लेकर चर्चा होनी थी, लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई।
एक भी काम नहीं हुआ
बैठक में मुख्य अभियंता प्रेमशंकर शर्मा विकास कार्यों की जानकारी दी। वार्ड 57 की पार्षद मेघा गुर्जर ने आरोप लगाया कि मेरे वार्ड में कोई काम नहीं हुआ तो महापौर ने कहा कि आपके वार्ड में 54 लाख के निर्माण कार्य हुए हैं। मेघा गुर्जर व कांग्रेस पार्षद नसरीन के बीच विकास के मुद्दे को लेकर जमकर तू-तू, मैं-मैं हो गई।
अधिकारी बताए कौनसे निर्माण कार्य करवाए
नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा ने हंगामे के बीच महापौर से कहा कि पार्षद कह रही है कि मेरे वार्ड में कोई काम नहीं हुआ। आप अधिकारी से कहें कि पार्षद को बताए कौन-कौन से काम करवाएं हैं। महापौर ने कहा कि 54 लाख के काम हुए हैं और अभी भी काम चल रहे हैं।
एजेंट बनवा रहे पट्टे
वार्ड 9 से कांग्रेस पार्षद शीतल प्रकाश मीणा ने कहा कि पट्टे के लिए एजेंट से फाइल तैयार करवाओ को पट्टा तुरंत बन जाता है और मकान मालिक स्वयं फाइल तैयार कर निगम में जमा करता है तो फाइल ही गायब हो जाती है। निगम में ऐसा क्यों होता है? इस पर महापौर व अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। वार्ड 62 कांग्रेस पार्षद बद्रीलाल पटेल ने पूछा कि मेरे वार्ड में एक भी पट्टा बनाया हो तो बताओ? इस पर भी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। वार्ड 67 की पार्षद रेणु नरवाला ने कहा कि मेरे वार्ड में आज तक पट्टे बनाने के लिए शिविर नहीं लगा क्यों? इस पर भी किसी अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया।
बने हुए पट्टे ही गायब हो रहे निगम से
वार्ड 39 से कांग्रेस पार्षद दीपक बंशीवाल ने बताया कि मेरे वार्ड में गीता बाई का पट्टा बन गया, लेकिन निगम से पट्टा गायब हो गया। भंवर सिंह का पट्टा अन्य किसी को दे दिया गया। जबकि होना यह चाहिए की वार्ड के पट्टे पार्षद को ही दिए जाए ताकि सही व्यक्ति को पट्टा समय पर मिल सके।
मेले का बजट 10 करोड़ करने की मांग
पार्षद अनिल सुवालका ने दशहरा मेले के लिए बजट 8 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने की मांग की। साथ ही मेले के लिए नगर निगम कोटा दक्षिण से 5 करोड़ रुपए लेने का प्रस्ताव भी पास कर दिया। आयुक्त ने कहा कि बजट बढ़ाने का प्रस्ताव डीएलबी में भेज दिया जाएगा। स्वीकृति नहीं मिलती है तो जितना बजट है, उसी अनुसार कार्यक्रम तय करने होंगे।
महापौर ने आयुक्त को चेताया
महापौर मंजू मेहरा ने पट्टे नहीं बनने, फाइलें गुम होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए आयुक्त को चेताया कि फाइल ढूंढऩ़े की जिम्मेदारी पार्षद की नहीं, जेईएन की है। निगम में जितनी भी फाइलें पट्टे के लिए शेष है उन सभी के पट्टे बनाए जाएं और 26 सितम्बर को सभी अधिकारियों को एक साथ बुलाकर पट्टों पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी करें और 30 सितम्बर को किसी भी हाल में पट्टों का वितरण हो जाना चाहिए। वरना आपके खिलाफ कार्रवाई तो होगी ही साथ ही मुख्यमंत्री से भी शिकायत की जाएगी।