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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बड़ा हादसा, ढही निर्माणाधीन टनल, 1 की मौत, 3 घायल, ठेका कम्पनी पर लगा इतने लाख का जुर्माना

Delhi-Mumbai Expressway Accident: कार्य के दौरान टनल के बाहर बनाई जा रही सीमेंटेड टनल पर ड्रिलिंग का कार्य किया जा रहा था। ड्रिलिंग कार्य के दौरान अचानक मिट्टी ढह गई। मिट्टी ढहने से नीचे कार्य कर रहे चार मजदूर मिट्टी में दब गए। इन्हें जेसीबी की मदद से मिट्टी हटाकर बाहर निकाला।

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कोटा

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Akshita Deora

Dec 02, 2024

चेचट - दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर टनल पर घटना की जानकारी लेते पुलिस अधीक्षक।

Kota News: दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर निर्माणाधीन मुकुन्दरा स्थित टनल पर ड्रिलिंग के दौरान शनिवार देर रात मिट्टी ढहने से चार मजदूर मलबे में दब गए। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि तीन घायल हो गए। घायलों को कोटा रेफर किया गया। सूचना पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे।

नयागांव के समीप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर मुकुन्दरा के जंगल में टनल का कार्य चल रहा है। कार्य के दौरान टनल के बाहर बनाई जा रही सीमेंटेड टनल पर ड्रिलिंग का कार्य किया जा रहा था। ड्रिलिंग कार्य के दौरान अचानक मिट्टी ढह गई। मिट्टी ढहने से नीचे कार्य कर रहे चार मजदूर मिट्टी में दब गए। इन्हें जेसीबी की मदद से मिट्टी हटाकर बाहर निकाला। हादसे में उत्तराखंड जिला देहरादून कोथी निवासी शमशेर सिंह (35) की मौके पर मौत हो गई। वहीं अन्य तीन घायल जावेद अशफाक, मोनू कुमार, अक्षय कुमार घायल हो गए। इन्हे चेचट चिकित्सालय लाया गया। जहां से कोटा रेफर कर दिया। मृतक के परिजन को सूचना दे दी गई। शव पोस्टमार्टम के लिए मोडक चिकित्सालय में रखवाया गया।

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हादसे में श्रमिक की मौत पर जताया दुख

बिरला ने एनएचआइ व प्रशासन को हादसे की जांच के साथ पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा उपलब्ध करवाने व घायलों के उपचार के लिए प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। मोडक थानाधिकारी योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल भेजा। हादसे के बाद एनएचएआइ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने देर रात मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। घायल मजदूर मोनू ने आरोप लगाया कि उन्हें काम के दौरान सुरक्षा के उचित उपकरण नहीं दिए गए थे।

टनल के बाहरी हिस्से में हुआ हादसा

एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कोटा पीआइयू संदीप अग्रवाल का कहना है कि टनल से दो सौ मीटर दूर जो दीवार बनाई जा रही थी, उसका हिस्सा गिरा है। इससे टनल को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है। और कार्य यथावत चल रहा है। मजदूर सरिया बांधने का काम सीमेंट कंक्रीट के लिए कर रहे थे। ड्रिलिंग के दौरान करीब 7 से 8 मीटर मिट्टी की स्लैब गिर गई। इसी में यह मजदूर दब गए। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत निकालने का प्रयास शुरू कर दिए थे।

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हेड क्वार्टर ने शुरू की जांच, कमेटी गठित

प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीपी अग्रवाल ने कहा कि पूरे मामले पर एनएचएआइ हेड क्वार्टर ने कमेटी गठित कर दी है। यह पूरी सेफ्टी ऑडिट करेगी। इसमें टनल के एक्सपर्ट रहेंगे, इसमें सेफ्टी को लेकर जो भी कमियां रही है, उसको देखेंगे। हादसा कैसे हुआ और क्या कारण रहे हैं, यह भी देखा जा रहा है। वहीं रविवार को एसपी ग्रामीण सुजीत शंकर ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया।

ठेका कम्पनी पर 50 लाख का जुर्माना

हादसे के बाद एनएचएआइ ने टनल बनाने वाली कम्पनी मैसर्स दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड, मैसर्स एल्टिस-होल्डिंग कॉरपोरेशन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। मैसर्स हेक्सा कंपनी के साथ जेवी में प्राधिकरण इंजीनियर मैसर्स आइसीटी के टीम लीडर और मैसर्स नोकांग इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से उनके स्तर पर सुरक्षा उपायों में चूक के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।