
रणजीतसिंह सोलंकी
Kota News : चम्बल का मास्टर प्लान तैयार करने की योजना अब रफ्तार पकड़ रही है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए जीवनदाियनी चम्बल नदी का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए दोनों राज्यों में प्रारंभिक स्तर पर सहमति बन गई है। अब इसके लिए एजेन्सी चयन का जिम्मा मध्यप्रदेश को दिया गया है। मास्टर प्लान तैयार करने में व्यय होने वाली राशि दोनों राज्य आधी-आधी वहन करेंगे।
चम्बल के मास्टर प्लान का मामला दोनों राज्यों में अरसे से लम्बित चल रहा था। करीब ढाई साल पहले मास्टर प्लान बनाने की कवायद शुरू हुई, लेकिन दोनों राज्यों में सहमति नहीं बन पाई थी। अब दोनों राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार होने से इस प्रोजेक्ट की राह खुल गई है। दोनों राज्यों के बीच पीकेसी-ईआरसीपी का एमओयू होने के बाद अब चम्बल व उसकी सहायक नदियों का मास्टर प्लान तैयार करने की तैयारी चल रही है। कोटा बैराज से निकलने वाली दाईं मुख्य नहर पर होने वाले खर्च में राजस्थान की 24.6 तथा मध्यप्रदेश की 75.4 फीसदी हिस्सेदारी है। इससे मध्यप्रदेश में भी सिंचाई होती है। इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज बांध बने हैं।
ऐसा होगा आंकलन और अध्ययन
इसमें आगामी 30 और 50 साल की पानी की जरूरत के आधार पर आकलन किया जाएगा। नदी में कितने पानी की आवक होती है। इसमें सिंचाई, पेयजल, औद्योगिक उपयोग तथा वाष्पीकरण कितना होता है, इसका अध्ययन किया जाएगा। चम्बल नदी के चारों बांधों की भी वाटर स्टडी की जाएगी।
आंकड़ों में जानें…चंबल से हमारी खुशहाली
चम्बल का मास्टर प्लान तैयार करने का प्रस्ताव प्रारंभिक स्तर पर चल रहा है। यह बड़ा प्लान है, इसलिए दोनों राज्यों के सचिव स्तर की बैठक में चर्चा होना प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश-राजस्थान चम्बल जल नियंत्रण मण्डल की तकनीकी कमेटी में इस प्रोजेक्ट पर सहमति बन चुकी है।
Published on:
26 Jun 2024 07:32 am
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