
कोटा जिले में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों में श्रमिकों के नियोजन में अनियमितता की शिकायतें आ रही हैं।
कोटा. जिला परिषद के सीईओ टीकम चन्द बोहरा ने शनिवार को पंचायत समिति सुल्तानपुर एवं सांगोद क्षेत्र में चल रहे मनरेगा कार्यों का निरीक्षण किया। सीमल्या में ड्रेन खुदाई कार्य एवं ग्रेवल सडक़ निर्माण का अवलोकन किया। यहां ग्रेवल सडक़ कार्य में नियोजित 22 श्रमिकों पर आवश्यकता से अधिक दो मेटों में से एक मेट को हटाया गया।
ग्राम पंचायत मंडिता स्थित गुहावदा रास्ते पर एनीकट को गहरा करने के कार्य के निरीक्षण के दौरान उपस्थित श्रमिकों से पूछताछ करने पर उन्होंने यह बयान दिए कि इस कार्य लगी मेट की मां नरेगा कार्य पर कभी नहीं आई। न ही उसने यहां कोई काम नहीं किया, लेकिन मेट ने अपनी मां की फर्ज़ी हाजिरी भर रखी है। मौके पर श्रमिकों की उपस्थिति जांचने पर दो अन्य श्रमिकों की भी हाजिरी फर्जी पाई गई। सीईओ ने मेट के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने और उसे ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश खंड विकास अधिकारी सांगोद को निर्देश दिए गए।
एईएन की भी लापरवाही मिली
सीईओ ने निरीक्षण के दौरान यह पाया कि पीडब्ल्यूडी की ओर से राजगढ़ से गुहावदा मार्ग पर ग्रेवल सडक़ निर्माण का कार्य स्वीेकृत है, किन्तु पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता ने 8 श्रमिकों को किसी दूसरी सडक़ पर झाडि़यां काटने के लिए लगाया हुआ था और 7 श्रमिकों को अन्य स्थान पर पार्क निर्माण के लिए लगा रखा था। यह मनरेगा गाइडलाइन का उल्लंघन है। सहायक अभियंता सुनील पारेता के खिलाफ पहले की एेसी शिकायत मिल चुकी है। तब उन्हें चेतावनी दी गई थी। अबअनुशासनात्मक कार्रवाई करने लिए राज्य सरकार को लिखा जाएगा।
Published on:
29 Nov 2020 01:42 pm
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