
कोटा . विधायक भवानीसिंह राजावत ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक पेंशन को लेकर अपनी ही सरकार को सवालों से घेरा। राजावत ने कहा है कि सरकार ने भौतिक सत्यापन के अभाव में सामाजिक सुरक्षा पेंशन रोककर मानवीय संवेदनाओं को तिलांजलि दे दी है।
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राजावत: घर पर भैतिक सत्यापन का प्रबन्ध हो
विधायक राजावत ने कहा कि प्रदेश में ऐसे पेंशनधारक लाखों की तादाद में हैं जो विकलांगता, रोग अथवा अधिक आयु से हुई अक्षमता के कारण घर पर ही रहते हैं और ई मित्र या अन्य कार्यालयों में जाकर अपना भौतिक सत्यापन कराने में लाचार हैं। उनकी पेंशन रूकी हुई है। इसलिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि ऐसे व्यक्तियों का भौतिक सत्यापन राजकीय कर्मचारियों द्वारा उनके घर पर ही हो जाए।
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सरकार : 63,36, 789 को दे रहे पेंशन
सदन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 48,92,226 वृद्धों, 4,14,721 विशेष योग्यजनों एवं 10,29,842 विधवाओं सहित कुल 63 लाख 36 हजार 789 लोगों को पेंशन दी जा रही है।
राजावत: पेंशन के आंकड़े असंतोषजक
राजावत ने कहा कि 7 करोड़ से अधिक की आबादी वाले हमारे प्रदेश में 10 प्रतिशत से कम का पेंशन का यह आंकड़ा असंतोषजनक है। अभी भी लाखों वृद्ध, विशेष योग्यजन और विधवाएं पात्र होने के बावजूद पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रहे। इसलिए सरकार विशेष सर्वे कराकर इन पात्र व्यक्तियों को पेंशन दिलवाना सुनिश्चित करें। बजट आवंटन में देरी के कारण पेंशनधारकों को पेंशन नहीं मिल रही है।
सरकार: कोशिश है सबको समय पर मिले
चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना तथा विशेष योग्यजन पेंशन योजना में देय पेंशन दरों में की गई वृद्धि के बाद अतिरिक्त बजट प्रावधान एवं पुनर्विनियोजन स्वीकृति के कारण विलम्ब हुआ है। गत 4 वर्षों में कोटा जिले में 99 करोड़ 71 लाख रुपए विभिन्न पेंशन योजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं। 2017-18 में 4099 करोड़ कर दिया और हमारी कोशिश है कि सबको समय पर पेंशन मिले।
Published on:
28 Feb 2018 01:33 pm
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