
सांगोद में राजसी ठाठ-बाठ से निकाली गई बादशाह की सवारी में पालकी पर सवार बादशाह।
सांगोद. यहां सोमवार को राजसी ठाठ-बाठ से निकली बादशाह की सवारी के साथ ही न्हाण अखाड़ा चौधरी पाड़ा के न्हाण का समापन हुआ। पांच दर्जन से अधिक अमीर उमराव एवं किन्नरों के नृत्य ने बरसों पुरानी राजसी संस्कृति को साकार कर दिया। सवारी में इस बार स्वांगों की कमी अखरी। न्हाण के पारम्परिक लोकगीतों की धमक भी डीजे पर बजते आधुनिक संगीत के शोर में दब गई।
न्हाण के परम्परागत संगीत बोल शंकर्या रे, नगीनों म्हारों घुम ग्यों रे जैसे लोकगीत सिर्फ बैंडबाजे तक सीमित रहे। देर शाम साढ़े पांच बजे नावघाट क्षेत्र से शुरू हुई बादशाह की सवारी पुराना बाजार, खाड़ा, गढ़ चौक होते हुए लक्ष्मीनाथ के चौक में पहुंची। नावघाट से खाड़े तक जगह-जगह मकानों व दुकानों की छतें लोगों से ठसाठस भरी नजर आई।
Published on:
06 Mar 2018 03:01 pm
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