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NEET 2018 : मिनटों की देरी ने बिगाड़ दिया साल, मि‍न्नत कर कर हुए बेहाल

डॉक्टर बनने के लिए 11 हजार विद्यार्थियों ने आजमाया भाग्य, देरी से आने वाले परीक्षार्थि‍यों को परीक्षा केन्‍द्रों पर प्रवेश नहीं दि‍या गया।

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कोटा

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Deepak Sharma

May 06, 2018

neet 2018 at kota

neet 2018 at kota

कोटा . देश के मेडिकल कॉलेजों में करीब 56 हजार एमबीबीएस सीटों पर एडमिशन के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेन्स टेस्ट (नीट-2018) रविवार सुबह हुई। परीक्षा के लिए सुबह 7.30 बजे से अभ्यर्थियों का प्रवेश शुरू कर दिया है। लंबी जांच के बाद स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया। देर से आने वालों को प्रवेश नहीं दि‍या गया। कमोबेश हर परीक्षा केन्‍द्र के बाहर ऐसे नजारे दि‍खे कि‍ परीक्षा से वंचि‍त रहे परीक्षार्थी मि‍न्‍नतें करते रहे, लेकि‍न सुरक्षाकर्मि‍यों ने उनकी नहीं सुनी।


कोटा के दादाबाड़ी स्थित एक परीक्षा केन्द्र पर आगरा से परीक्षा देने आई माधवी करीब साढे तीन मिनिट देरी से पहुची जब तक केन्द्र के मुख्य द्वार बंद हो चुका था। कई अनुनय -विनय और मिन्नतों केबाद भी जब अभ्यर्थी छात्रा को प्रवेश नही दिया तो जबरन गेट पर चढ़कर परीक्षा केन्द्र परिसर में पहुंच गई। बाद में सुरक्षा कर्मियों ने काफी मिन्नतों के बाद भी अभ्यर्थी छात्रा को परीक्षा केन्द्र से बाहर निकाल दिया।
वहीं इलाहाबाद निवासी स्वाति‍ चौधरी कोटा में दादाबाड़ी स्थित एक केन्द्र पर एक मिनट देरी के चलते उसे प्रवेश नहीं दिया और परीक्षा से वंचित रह गई। वह काफी मिन्नतें करती रही, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। केन्द्र में प्रवेश का समय सुबह 9.30 बजे तक था। जबकि छात्रा सुबह 9.31 मिनट पर परीक्षा देने पहुंची। प्रवेश नहीं मिलने से छात्रा का रो-रोक कर बुरा हाल हो गया। बाद में वह केन्द्र से चली गई।

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परीक्षा के लिए सीबीएसई के कड़े निर्देशों के बावजूद कुछ परीक्षार्थी अपना पासपोर्ट साइज फोटो लाना भूल गए। ऐसे में केंद्रों पर उनके फोटो हाथों-हाथ खिंचवाए गए। वहीं जो बच्चे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, फोन, पर्स व अन्य सामान ले आए उनके फोन सुरक्षा गार्ड के पास रखवाया गया है। अधिकांश छात्राएं कानों के झुमके घर पर खोल कर आई हैं। इक्का-दुक्का छात्राओं की नोजपिन व झुमके सेंटर पर खुलवाए गए।


परीक्षा देने आए अधिकांश स्टूडेंट हाफ टी-शर्ट, पायजामा और चप्पल में ही नजर आए। अभ्यर्थियों को चेन, नेकलेस, पेंडेंट, बैज, ब्रूच, घड़ी, कोई भी मैटेलिक आइटम, पेन, पेंसिल, कैलकुलेटर, पेन ड्राइव, पर्स, चश्मा, हैंडबैग, बेल्ट, अंगूठी के साथ प्रवेश नहीं दिया गया। वहीं, परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल उपयोग रोकने के लिए जैमर लगाए हैं। साथ ही पुलिस जवान भी तैनात किए हैं।
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जानकारी के अनुसार इस परीक्षा में पूरे देशभर से 13 लाख 26 हजार विद्यार्थी शामिल हुए। परीक्षा देश के 136 शहरों में बनाए गए 2255 केंद्रों पर हो रही है। इनमें कोटा से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे एक लाख 35 हजार विद्यार्थी भी भाग ले रहे हैं। कोटा शहर में बनाए गए 20 सेंटर्स पर बच्चे परीक्षा देने पहुंच चुके हैं। कोटा के सेंटर्स पर करीब 11001 बच्चे परीक्षा देने के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं। परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ऑफलाइन मोड में होगी।