
कोटा .
कुछ माह से घर में नन्ना मेहमान आने की चर्चाएं चल रही थी। परिवार के सभी लोग इस खुशी का इंतजार कर रहे थे। शादी के दो साल बाद घर में आने वाले मेहमान के लिए सपने संजोए जा रहे थे। शादी के बाद पहली संतान का सुख मिलने की बजाए डेंगू ने घर की सारी खुशियां ही छीन ली।
मंगलवार रात एक चौका देने वाला मामला सामने आया जब डेंगू पीडि़त महिला ने जैसे ही बच्चीं को जन्म दिया तो उसकी कुछ ही पलों में सांसे थम गई। बच्ची की मौत को चिकित्सक डेंगू से जोड़कर देख रहे हैं। महिला का इलाज कर रही डॉ. सीमा अरोड़ा ने बताया कि मां को डेंगू था, जिसका असर नवजात पर पड़ा है। डेंगू से हुए कॉम्पिलिकेशन की वजह से बच्ची ने पैदा होते ही कुछ ही क्षणों में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि डेंगू के कारण मां की प्लेटलेट कम हो गई थी। बच्ची के जन्म के समय मां को भी खतरा था।
11 हजार रह गई थी प्लेटलेट काउंट
29 अक्टूबर को मांगरोल निवासी अनिता सुमन (22) पत्नी जुगल किशोर को गर्भावस्था में बुखार आया। टेस्ट कराने पर डेंगू पॉजीटिव पाया गया। 30 अक्टूबर को परिजन उसे लेकर बारां से कोटा दौड़े और निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उस समय उसकी प्लेटलेट काउंट 17 हजार रह गई थी। 31 अक्टूबर को एक एसडीपी चढ़ाई गई, फिर भी कुछ खास प्रभाव नही दिखा। 31 की रात्रि को तबियत बिगड़ी और देर रात करीब 12.36 पर नवजात बालिका ने जन्म लिया। जन्म लेने के कुछ समय उपरांत उसकी मृत्यु हो गई। रोगी अनिता की प्लेटलेट काउंट घटकर 11 हजार रह गई और लगातार हो रही ब्लीडिंग से उनकी जान खतरे में आ गई।
डेंगू से पहले सब कुछ था नोर्मल
पति जुगल किशोर ने बताया कि वह बारां मंडी में हम्माली का कार्य करता है। गर्भाधारण से लेकर कुछ दिन पूर्व तक सब ठीक था। बारां में कराई गई सभी जांचें नोर्मल थी। लेकिन जैसे ही बुखार आया तो डेंगू की जांच कराई गई, जिसमें रिपोर्ट पॉजीटिव आई। डॉ. ने शिशु के जन्म की तारीख भी 27 अक्टूबर दे रखी थी। लेकिन इन चार दिनों में ही सारी खुशियां मातम में बदल गई। अनिता के पिता बंसीलाल का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था।
टीम जीवनदाता ने उपलब्ध कराई एसडीपी
टीम जीवनदाता के संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि गंभीर अवस्था में आईसीयू में भर्ती अनिता की जिंदगी बचाने के लिए शीघ एसडीपी चढ़ाना अतिआवश्यक था। डोनर दीपक प्रजापति ने बाजार में बैठे हुए मैसेज को पढ़ा। भांजी पैदा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के लिए खरीदारी करने के लिए दीपक प्रजापति मार्केट पहुंचे ही थे कि सब छोड़कर केवल 15 मिनट में उस मां की जिंदगी बचाने के लिए अपने मित्र पंकज प्रजापति के साथ ब्लड़ बैंक आए और एसडीपी डोनेट की।
Updated on:
01 Nov 2017 08:45 pm
Published on:
01 Nov 2017 08:43 pm
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