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OMG! वर्ष 2018 में भारत में सूर्यग्रहण नहीं आएंगे नजर, जानिए आप पर क्या होगा इसका असर

आगामी नए वर्ष 2018 में दो चंद्रग्रहण व तीन सूर्य ग्रहण होंगे। भारत में केवल चन्द्रग्रहण दिखेंगे लेकिन सूर्यग्रहण नहीं नजर आएंगे।

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कोटा

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abhishek jain

Dec 02, 2017

New Year 2018

बूंदी.

आगामी नए वर्ष 2018 में दो चंद्रग्रहण व तीन सूर्य ग्रहण होंगे। सौर मंडल का प्रमुख ग्रह चंद्रमा सदी के पहले ग्रहण के रूप में 31 जनवरी को दिखाई देगा। दूसरा चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को होगा। वहीं तीन सूर्य ग्रहण भी होंगे, लेकिन यह भारत में नहीं दिखाई देंगे। ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि 31 जनवरी को पहला चंद्र ग्रहण पुष्य, अश्लेषा नक्षत्र एवं कर्क राशि में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुधवार के दिन होगा।

ज्योतिष गणना के अनुसार ग्रहण की काली छाया शाम 5.18 बजे चंद्रमा को स्पर्श पर लेगी। इसके बाद 6.22 बजे खग्रास काल प्रारम्भ होगा, जो ग्रहण के मोक्ष काल 8.41 बजे तक रहेगा। पूरा ग्रहण 3 घंटे 23 मिनट का रहेगा। ग्रहण भारत में मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्कम, मेघालय में पश्चिम बंगाल में चंद्रोदय के बाद प्रारम्भ होगा, जबकि देश के बाकी हिस्सों में चंद्रोदय से पहले प्रारम्भ हो जाएगा। आस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी अमेरिका में भी ग्रहण दिखाई देगा।

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यह होगा असर
ज्योतिषाचार्य के अनुसार ग्रहण के दौरान ज्यों ही ब्रह्मांड में घटना के साथ ऊर्जा की कमी होती है तो प्रत्येक जीव किसी न किसी प्रकार से प्रभावित होता है। बुधवार पूर्णिमा और कर्क राशि पर ग्रहण होने से अच्छी बारिश के योग बनेंगे। जनता जागरूक होगी और सत्ता में परिवर्तन संभव है। साधु, संतों, पंडित, शिक्षार्थी, बुजुर्ग व्यक्ति के लिए कष्टकारी रहेगा। सोना-चांदी, पीतल, गुड़, चीनी, गेहूं में तेजी का रूख होगा। वहीं अराजकता, भूकंप, जातिगत आंदोलन, सुनामी होने की आशंका बन रही है।

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यह है ग्रहण
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में राहु व चन्द्रमा की छाया आ जाती है और जिस भाग में यह छाया पड़ती है उस जगह ऊर्जा का संचार कम होता है। ग्रहण के दौरान जो छाया मोटी होती है वह राहु तथा जो बारीक छाया होती है वह केतु कहलाती है। यानि छाया के असर से होने वाले दुष्प्रभाव को ग्रहण कहा जाता है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार सूर्य 13 अंश (कुल 360 अंशो में) जिस राशि में रहता है उसी राशि में 13 अंश से कम में राहु व केतु आ जाते हैं तो सूर्य एवं चंद्र ग्रहण होते है। यह 12 राशियों में एक राशि पर एक माह तक घूमता है। यह प्रतिदिन एक अंश बढ़ता है। भ्रमण चक्र 360 भागों में बांटा गया है। एक भाग एक अंश का रहता है। 30 अंश की एक राशि होती है।